ऑपरेशन 'सिंदूर' के लिए बहावलपुर को ही क्यों चुना? लश्कर और जैश दोनों से कनेक्शन
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता है। यहां स्थित जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है पर भारत ने सीधा हमला किया।

India attacks on Pakistan: भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर रातभर चले एक गुप्त अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ा हमला किया। पाकिस्तान ने इस हमले की पुष्टि की है और बताया कि भारतीय हमलों में कोटली, मुरिदके और बहावलपुर में नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को ध्वस्त करना था। ये दोनों संगठन पिछले तीन दशकों से भारत पर कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया।
बहावलपुर को ही क्यों चुना?
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता है। यहां स्थित जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है पर भारत ने सीधा हमला किया। यह परिसर लगभग 18 एकड़ में फैला है और इसमें 600 से अधिक छात्रों के लिए मदरसा, एक भव्य मस्जिद, स्विमिंग पूल, घुड़सवारी के अस्तबल और एक जिम शामिल है।
यह मस्जिद और परिसर अल-रहमत ट्रस्ट के माध्यम से संचालित होता है, जिसे जैश का फ्रंटल संगठन माना जाता है। इसकी शुरुआत एक साधारण संरचना से हुई थी, लेकिन 2012 तक यह एक पूर्ण आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र में बदल गया।
मसूद अजहर: भारत का दुश्मन नंबर एक
1968 में बहावलपुर में जन्मा मौलाना मसूद अजहर 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था। 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट के अपहरण के बाद उसे छोड़ा गया और उसने तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की। माना जाता है कि अजहर ने आतंकी अभियान शुरू करने से पहले अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से आशीर्वाद लिया था। उसके संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से न केवल संरचना, बल्कि वित्तीय सहायता भी मिलती रही है।
जैश की आतंकी गतिविधियां
अप्रैल 2000: श्रीनगर में पहला आत्मघाती हमला, जिसमें चार भारतीय सैनिक मारे गए।
अक्टूबर 2001: जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमला, 30 से अधिक लोगों की मौत।
दिसंबर 2001: संसद पर हमला, 14 लोगों की मौत। भारत-पाक के बीच युद्ध जैसे हालात।
जनवरी 2016: पठानकोट एयरबेस पर हमला।
सितंबर 2016: उरी हमला, 19 भारतीय सैनिक शहीद। इसके जवाब में भारत ने PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की।
फरवरी 2019: पुलवामा हमला, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। इसके बाद भारत ने बालाकोट में हवाई हमले किए।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति
इस बार भारत ने सीधे पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकी मुख्यालयों को निशाना बनाकर एक स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद को पनाह देने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। बहावलपुर जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन में हमला, जहां पास ही पाकिस्तानी सेना की 31वीं कोर का मुख्यालय और एक गुप्त परमाणु सुविधा स्थित है, यह दिखाता है कि भारत की खुफिया और सैन्य क्षमताएं कितनी सटीक हैं।