मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति क्यों रुकी? SC से बोली सरकार- हमारे पास कुछ जानकारी है, अगले सप्ताह देंगे
- इस बीच, प्रधान न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य के उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं करने को लेकर केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है।
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) से कहा कि वह देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्तियों से संबंधित कॉलेजियम की सिफारिशों के बारे में अगले सप्ताह कुछ जानकारियां प्रदान करेगी। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ये टिप्पणियां करते हुए शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध एक जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया।
अटॉर्नी जनरल ने न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की सदस्यता वाली इस पीठ से कहा, “कॉलेजियम की सिफारिशों के बारे में कुछ विवरण उपलब्ध कराएंगे। कृपया (शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध) याचिका को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें।” पीठ ने कहा कि स्थगन के लिए दलीलें शुक्रवार को ही दी जा सकती हैं क्योंकि मामला पहले से ही विचाराधीन है।
इस बीच, प्रधान न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य के उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं करने को लेकर केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, “मुझे नहीं मालूम।” हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार ने न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव को झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी नहीं देने पर केंद्र सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल की जनहित याचिका पर सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की गई है। सिंघल ने यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित करने की खातिर केंद्र के लिए समय सीमा तय की जाए।