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भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने की बढ़ गई तारीख, कब तक मिलेगा जेपी नड्डा का विकल्प

  • भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधी राज्य इकाइयों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाना चाहिए। प्रदेश अध्यक्षों के इलेक्शन से पहले जिलाध्यक्ष चुने जाने चाहिए। कई राज्य ऐसे हैं, जहां जिलाध्यक्ष ही नहीं चुने जा सके हैं और इसके कारण प्रदेश अध्यक्षों का इलेक्शन अटका है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तानSun, 16 Feb 2025 09:02 AM
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भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने की बढ़ गई तारीख, कब तक मिलेगा जेपी नड्डा का विकल्प

जेपी नड्डा बीते करीब 6 सालों से भाजपा के लगातार अध्यक्ष बने हुए हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव तक के लिए कार्य़काल विस्तार मिला था, लेकिन फिर महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव के कारण नए अध्यक्ष का चुनाव लटक गया। उम्मीद थी कि जनवरी या फरवरी तक भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा, लेकिन यह फिर से टल गया है। अब कहा जा रहा है कि मार्च में भाजपा को जेपी नड्डा का विकल्प मिल पाएगा। इसकी वजह यह है कि भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधी राज्य इकाइयों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाना चाहिए। वहीं प्रदेश अध्यक्षों के इलेक्शन से पहले जिलाध्यक्ष चुने जाने चाहिए। अब तक कई राज्य ऐसे हैं, जहां जिलाध्यक्ष ही नहीं चुने जा सके हैं और इसके कारण प्रदेश अध्यक्षों का इलेक्शन अटका है।

फिर इसी के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी हो रही है। इसकी एक वजह यह भी रही कि भाजपा ने अपने संगठन की पूरी मशीनरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतार दिया था। इसके कारण कई राज्यों में संगठन चुनाव लटक गए। भाजपा ने अब तक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 में ही प्रदेश अध्यक्ष चुने हैं। कई राज्यों में चुनाव जारी हैं और कहीं तो अध्यक्षों को रिपीट ही किया जा रहा है। अब तक आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जिलाध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। लेकिन उत्तराखंड, यूपी समेत कई राज्यों में अब भी इलेक्शन अटका हुआ है। भाजपा संगठन के लोगों का कहना है कि राज्यों में ही चुनाव होना फऱवरी या मार्च के शुरुआती दिनों तक संभव है। ऐसे में इसके बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।

इस तरह पूरी संभावना है कि मार्च के आखिर तक ही भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इस देरी कि एक वजह य़ह भी रही कि लोकसभा चुनाव के बाद भी लगातार राज्यों के चुनाव बने रहे। फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव आ गया। अब बिहार विधानसभा इलेक्शन में करीब 6 महीने का वक्त है। ऐसे में बीच के इस समय का इस्तेमाल भाजपा संगठन में बदलाव के लिए करना चाहेगी। इससे संगठन की कमान संभालने वाले नए अध्यक्ष को भी तैयारी का मौका मिल जाएगा।

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भाजपा के अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का ही होता है, लेकिन जेपी नड्डा को इस बार विस्तार मिला। जेपी नड्डा भले ही पीएम नरेंद्र मोदी की छाया में रहे हैं, लेकिन उनके कार्य़काल को कई राज्यों में शानदार जीत और लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनने के लिए याद किया जाएगा। इसी दौर में ओडिशा, दिल्ली जैसे राज्यों में जीत मिली तो वहीं महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में भाजपा ने जीत की हैट्रिक भी लगा दी।

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