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UGC-NET पेपर लीक मामले में सीबीआई का बड़ा दावा- नहीं मिले साजिश के सबूत, जांच बंद

  • सीबीआई ने यूजीसी नेट पेपर लीक मामले की जांच बंद कर दी है। सीबीआई ने कहा कि उन्हें मामले में किसी भी साजिश के सबूत नहीं मिले हैं। एग्जाम 18 जून 2024 को आयोजित हुए थे।

Gaurav Kala नई दिल्ली, हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 30 Jan 2025 02:35 PM
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UGC-NET पेपर लीक मामले में सीबीआई का बड़ा दावा- नहीं मिले साजिश के सबूत, जांच बंद

सीबीआई ने पिछले साल हुई यूजीसी-नेट परीक्षा के संभावित पेपर लीक मामले की जांच बंद कर दी है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि जांच में कोई साजिश या संगठित लीक का प्रमाण नहीं मिला है। जांच में पता लगा है कि एक छात्र ने पैसे कमाने के लिए प्रश्नपत्र से छेड़छाड़ की और फिर उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी।

18 जून 2024 को आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा को अगले दिन 19 जून को इस आशंका के बाद रद्द कर दिया गया था कि प्रश्नपत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था और इसे टेलीग्राम पर भुगतान के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा था। मामले में काफी हंगामा भी हुआ और फिर जांच सीबीआई के हाथों सौंपी गई। एजेंसी ने मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, “हमारी जांच में सामने आया कि 18 जून की परीक्षा के लीक प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट एक छात्र द्वारा तैयार किया गया एक फर्जी दस्तावेज था, जिसे पैसे कमाने के लिए टेलीग्राम चैनलों पर प्रसारित किया गया था। यह परीक्षा के दूसरे शिफ्ट से पहले दोपहर में साझा किया गया था, जिससे यह पता चला कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है और इसे शेयर करने वाले के पास इसकी पूर्व जानकारी थी।”

जांच में यह भी सामने आया कि छात्र ने एक ऐप की मदद से स्क्रीनशॉट में तारीख और समय की छेड़छाड़ कर यह दिखाने की कोशिश की कि उसने परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र देख लिया है। अधिकारी ने कहा, “चूंकि हमें परीक्षा के दौरान किसी भी उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने वाली लीक या किसी साजिश के सबूत नहीं मिले, इसलिए हमने इस मामले को बंद कर दिया है।”

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सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भी भेज दी है।

बता दें कि यूजीसी-नेट परीक्षा हर साल जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। यह परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) देने, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करना है। पिछले साल इस परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था।

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