उन पर सीमाएं क्यों… बंगाल में महिलाओं के लिए ‘नाइट ड्यूटी नहीं’ वाले नियम पर बरसे चीफ जस्टिस
- पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के बाद एक अधिसूचना जारी की थी। अब इन नियमों पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के नए नियमों को लेकर जमकर फटकार लगाई है। इन नए नियमों में कहा गया था कि राज्य द्वारा संचालित अस्पताल महिला डॉक्टरों को रात की शिफ्ट में काम देने से बचेंगे। चीफ जस्टिस ने इस बात पर जोर दिया है कि महिलाओं को सुरक्षा देना सरकार का कर्तव्य है और वह इससे भाग नहीं सकते हैं। इससे पहले कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद यह अधिसूचना जारी की गई थी।
इन नियमों में जल्द से जल्द बदलाव करने के लिए बंगाल सरकार को निर्देश देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, "आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों पर सीमाएं क्यों लगाई जा रही हैं? उन्हें कोई छूट नहीं चाहिए। महिलाएं किसी भी पाली में काम करने के लिए तैयार हैं।"
चीफ जस्टिस ने कपिल सिब्बल को क्या-क्या सुनाया
चीफ जस्टिस ने ममता बनर्जी सरकार के वकील कपिल सिब्बल से कहा, "सिब्बल जी, आपको इस पर गौर करना होगा। इसका जवाब यह है कि आपको सुरक्षा देनी होगी। पश्चिम बंगाल को यह नियम बदलने होंगे। आपका कर्तव्य सुरक्षा प्रदान करना है। आप यह नहीं कह सकते कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं। पायलट, सेना सभी रात में काम करते हैं।" कोर्ट ने कहा कि महिला डॉक्टरों के रात में काम न करने की स्थिति उनके करियर को प्रभावित करेगी। इसके बाद कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि संबंधित नियम को हटा दिया जाएगा।
नए नियमों में क्या प्रावधान
इससे पहले आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या को लेकर देश भर में चल रहे विरोध के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रमुख सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई पहल की घोषणा की थी। इसके मुताबिक सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिलाओं के अनुकूल सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्थानीय पुलिस द्वारा नियमित चेकिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा, "शिफ्ट इस तरह से व्यवस्थित की जाएगी कि रात की ड्यूटी के मामले में महिला डॉक्टरों को अकेले में काम ना करना पड़े।" उन्होंने कहा कि निजी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को भी इन दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
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