बंगाल में 25 हजार शिक्षकों के भविष्य पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला, HC ने रद्द की थी नियुक्तियां
- West Bengal School Jobs Row: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिनमें कलकत्ता HC के फैसले को चुनौती दी गई थी। मामला बंगाल में 25753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़ा है।
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West Bengal School Jobs Row: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 25753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों को अवैध करार देकर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिनमें कलकत्ता हाईकोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पश्चिम बंगाल के राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया था।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, 'दलीलें सुनी गईं। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।' सुप्रीम अदालत ने इस मामले में 124 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से एक पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई थी।
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक बड़ी टीम ने विभिन्न पक्षों की ओर से दलीलें रखीं। इनमें मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, अभिषेक सिंघवी, दुष्यंत दवे, पी. एस. पाटवालिया, राकेश द्विवेदी, मनिंदर सिंह, श्याम दीवान, प्रशांत भूषण, मीनाक्षी अरोड़ा और करुणा नंदी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
राज्य सरकार की ओर से राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए तर्क पेश किए। सुप्रीम कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण मामले की अंतिम सुनवाई 19 दिसंबर 2023 को शुरू की थी और 15 जनवरी, 27 जनवरी और 10 फरवरी को पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं जैसे कि ओएमआर शीट से छेड़छाड़ और रैंक-जंपिंग का हवाला देते हुए इन नियुक्तियों को अमान्य घोषित किया था।
पिछले साल 7 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी, जो पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई नियुक्तियों को लेकर था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को इस मामले की जांच जारी रखने की अनुमति दी थी।
मामला क्या है
यह मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा 2016 की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। इस भर्ती परीक्षा में 23 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, जबकि केवल 24,640 पदों के लिए भर्ती होनी थी। लेकिन कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस कथित भर्ती घोटाले को "व्यवस्थित धोखाधड़ी" करार दे चुका है और कहा था कि राज्य प्राधिकरणों का कर्तव्य है कि वे इन नियुक्तियों से जुड़े डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड को संरक्षित करें।