Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court refuses to entertain petitions challenging 33 percent women reservation law

33% महिला आरक्षण कानून को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों फटकारा

  • सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि पहले भी संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का मुद्दा उठाया गया, मगर इसे कभी लागू नहीं किया जा सका। हालांकि, इस बार परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने की शर्त पर लागू किया जा रहा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 10 Jan 2025 01:19 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने 33% महिला आरक्षण कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया। अदालत ने उस याचिका को निरर्थक बताया जिसमें विधेयक को चुनौती दी गई थी, न कि अधिनियम को। दूसरी याचिका में इस मामले को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने सहित अन्य उपाय तलाशने की मांग रखी गई, जिसे नकार दिया गया। एससी की बेंच ने कहा कि पहले भी संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का मुद्दा उठाया गया, मगर इसे कभी लागू नहीं किया जा सका। हालांकि, इस बार इसे परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने की शर्त पर लागू किया जा रहा है।

महिला आरक्षण कानून क्या है?

महिला आरक्षण अधिनियम (नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023) लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करता है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी यह नियम लागू होगा। इसका मतलब है कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी जाएंगी।

हालांकि, पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं होंगी। मालूम हो कि जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद यह आरक्षण लागू होगा। जनगणना के आधार पर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी जिसके लिए परिसीमन किया जाएगा। यह आरक्षण 15 साल की अवधि के लिए मिलेगा।

फिलहाल, लोकसभा की 131 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित की गई हैं। महिला आरक्षण कानून लागू होने के बाद इनमें से 43 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इन 43 सीटों को सदन में महिलाओं के लिए आरक्षित कुल सीटों का ही हिस्सा माना जाएगा। इसका मतलब है कि महिलाओं के लिए आरक्षित 181 सीटों में से 138 ऐसी होंगी, जिन पर किसी भी जाति की महिला उम्मीदवार होगी। साफ है कि इन सीटों पर उम्मीदवार पुरुष नहीं हो सकते हैं। मालूम हो कि यह गणना लोकसभा में सीटों की मौजूदा संख्या पर की गई है। परिसीमन के बाद इसमें बदलाव हो सकता है।

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