नीतीश कुमार पर टिप्पणी को लेकर RJD विधायक को 'सुप्रीम राहत', विधान परिषद की सदस्यता बहाल
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बिहार विधान परिषद से सुनील सिंह के निष्कासन को रद्द हो गया। अदालत ने कहा कि जुलाई 2024 से सिंह की ओर से गुजारे गए निष्कासन की अवधि को ही निलंबन माना जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक सुनील कुमार सिंह को मंगलवार को बड़ी राहत दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बिहार विधान परिषद से उनके निष्कासन को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि जुलाई 2024 से सिंह की ओर से गुजारे गए निष्कासन की अवधि को ही निलंबन माना जाएगा। शीर्ष अदालत ने राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह के सदन में आचरण को अनुचित करार दिया। हालांकि, निष्कासन के तौर पर दिए गए दंड को अत्यधिक भी बताया।
सुनील कुमार सिंह को राजद नेता लालू प्रसाद और उनके परिवार का करीबी माना जाता है। 13 फरवरी, 2024 को उस पर सदन में कहासुनी के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगाने का आरोप था। 2024 में आचार समिति के बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके एक दिन बाद सदन से राजद एमएलसी के निष्कासन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। आचार समिति ने रिपोर्ट में कहा था कि पूछताछ के दौरान सोहैब ने अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया था, लेकिन सिंह ने अड़ियल रुख बरकरार रखते हुए कोई अफसोस नहीं जाहिर किया था।
नीतीश कुमार को लेकर सुनील कुमार सिंह क्या कहा
इससे पहले, 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विधायकों को असंतोष जताते समय भी मर्यादित रहना चाहिए। बिहार विधान परिषद की ओर से कहा गया था कि सुनील कुमार सिंह को सदन से निष्कासित करने में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया। वह वास्तव में परिषद के फैसले को चुनौती दे रहे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पूर्व विधायक की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीनियर वकील रंजीत कुमार ने पीठ को बताया कि वह पहले भी कदाचार में संलिप्त रहे हैं। वहीं, राजद नेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और गोपाल शंकरनारायणन ने बताया कि सिंह ने केवल इतना कहा था कि लोग कहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘पलटूराम’ हैं।