Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court is strict on the jail environment what things did it emphasize on

सम्मान से जीने दीजिए; जेल के माहौल पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, किन बातों पर दिया जोर

  • सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कैदियों के साथ सम्मान और मानवीय परिस्थितियों के अधिकार वाले मनुष्य के रूप में व्यवहार करने के महत्व को रेखांकित किया। पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज करते हुए की।

Himanshu Tiwari भाषाFri, 17 Jan 2025 10:35 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कारागार में बेहतर माहौल के लिए जेल प्रशासन में सुधार की जरूरत है ताकि कैदियों को संविधान के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिल सके। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने ‘फ्योदोर दोस्तोवस्की’ की प्रसिद्ध पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, “किसी समाज में सभ्यता का अंदाजा उसकी जेलों में प्रवेश करके लगाया जा सकता है।”

पीठ ने कैदियों के साथ सम्मान और मानवीय परिस्थितियों के अधिकार वाले मनुष्य के रूप में व्यवहार करने के महत्व को रेखांकित किया। पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज करते हुए की। उच्च न्यायालय ने विकास तिवारी नाम के एक अपराधी को राज्य के एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित करने के फैसले को रद्द कर दिया था।

पीठ ने जेल सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित गिरोह हिंसा को रोकने की आवश्यकता का हवाला देते हुए जेल महानिरीक्षक के आदेश को बहाल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने भारत के जेल प्रशासन में प्रणालीगत कमियों को रेखांकित किया और कैदियों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया।

शीर्ष अदालत ने जेल की स्थितियों की समय-समय पर निगरानी करने और कैदियों के साथ व्यवहार में संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करने का आह्वान किया और कहा कि कैदियों ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है लेकिन उन्होंने अपनी मानवता नहीं खोई है।

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