मेघालय में बीएसएफ की चौकी पर ग्रामीणों ने कर दिया हमला, जानें क्या है पूरा मामला
बीएसएफ को संदेह है कि तस्करों ने इस कार्रवाई का बदला लेने के मकसद से भीड़ को एकत्रित किया और चौकी का घेराव किया। उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा पथराव किए जाने से बीएसएफ के कम से कम दो कर्मी घायल हो गए।
मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में रविवार रात एक सीमा चौकी पर ग्रामीणों के हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों समेत कम से कम पांच लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि राज्य की राजधानी से 100 किलोमीटर दक्षिण में डावकी शहर के पास उमसियेम गांव में रात करीब 10 बजे भीड़ ने चौकी पर हमला कर दिया।
मुख्यमंत्री कोनराड. के. संगमा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप इलाके में स्थिति काबू में है और राज्य सरकार घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रही है। बीएसएफ मेघालय फ्रंटियर के महानिरीक्षक प्रदीप कुमार ने कहा, ''पिछले कुछ दिनों में, हमने काफी सामग्री जब्त की है, जिसे तस्करी के माध्यम से बांग्लादेश भेजा जाना था। तस्करों की भी पहचान की गई। इस कार्रवाई के बाद उन्होंने (तस्करों ने) चौकी पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।''
बल ने एक बयान में बताया कि उसने 2.7 लाख रुपये मूल्य के कपड़े जब्त किए हैं, जिनकी तस्करी की जानी थी। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ''बीएसएफ ने रविवार को तस्करी की दो कोशिश नाकाम कीं। सुबह, उन्होंने उमसियेम गांव से 2.21 लाख रुपये के कपड़े जब्त किए। रात में, बीएसएफ ने उसी गांव में तस्करों द्वारा फेंकी गई 50 हजार रुपये मूल्य की साड़ियां जब्त कीं।''
बीएसएफ को संदेह है कि तस्करों ने इस कार्रवाई का बदला लेने के मकसद से भीड़ को एकत्रित किया और चौकी का घेराव किया। उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा पथराव किए जाने से बीएसएफ के कम से कम दो कर्मी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीणों ने जबरदस्ती चौकी में घुसने की कोशिश की, हालांकि उन्हें पीछे धकेल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे मिली खबरों के अनुसार, यह हमला किसी तरह की तस्करी से संबंधित है। तस्करी की गयी सामग्री बरामद की गयी थी। यह उसकी प्रतिक्रिया थी। सरकार घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रही है।' प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना में कम से कम तीन ग्रामीण भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि एक वाहन चौकी के पास कथित तौर पर खराब हो गया, जिसमें तीन लोग सवार थे और इसके बाद ही यह घटना हुई।
उन्होंने कहा, ''बीएसएफ कर्मियों ने उन तीनों पर तस्कर होने का आरोप लगाया। यह खबर फैल गई और आसपास के ग्रामीण बचाव में आ गए।'' ग्रामीणों ने बीएसएफ जवानों पर ड्यूटी के दौरान नशे में होने का भी आरोप लगाया, जिसे महानिरीक्षक ने खारिज किया है। कुमार ने बताया कि स्थानीय पुलिस तथा बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है।