वरुण गांधी को दो बार ऑफर किया गया था मंत्रिपद, लेकिन... बीजेपी सांसद का बड़ा खुलासा
BJP MP Varun Gandhi: जब वरुण गांधी से पूछा गया कि यदि वे शिक्षा मंत्री होते तो वे चार काम कौन से करते तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले वे पाठ्यक्रम में बदलाव करते और हमारे शिक्षकों की संख्या बढ़ाते।
Varun Gandhi News: यूपी के पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी कई महीनों से सुर्खियों में बने हुए हैं। उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी पार्टी से नाराज हैं, जिसकी वजह से राज्य से लेकर केंद्र सरकार के कामकाज के खिलाफ बयानबाजी करके सवाल खड़े कर रहे हैं। मोदी सरकार के दोनों कार्यकालों में वरुण गांधी के पास कोई भी मंत्रिपद भी नहीं रहा है। अब केंद्र में मंत्रिपद को लेकर वरुण गांधी ने बड़ा दावा किया है। वरुण का दावा है कि उन्हें दो बार मंत्री बनने के लिए कहा गया था, लेकिन उसे उन्होंने ठुकरा दिया।
सांसद वरुण गांधी ने 'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के थिंकएडू कॉन्क्लेव के दौरान कहा, "मैंने दो बार मंत्रिपद ठुकराया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं।" यह पूछे जाने पर कि जब उन्होंने मंत्रिपद ठुकराया तो क्या किसी को बुरा लगा, वरुण गांधी ने कहा, "यदि आप किसी को सम्मानपूर्वक बातें कहते हैं, यदि उनका सम्मान बनाए रखा जाता है, और यदि आपके बयानों में तर्क है, तो लोग बड़े दिल वाले होते हैं।"
जब वरुण गांधी से पूछा गया कि यदि वे शिक्षा मंत्री होते तो वे चार काम कौन से करते तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले वे पाठ्यक्रम में बदलाव करते और हमारे शिक्षकों की संख्या बढ़ाते। इसके बाद, वह लोगों को कुशल बनाने पर पैसा खर्च करते। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया में 94% के विपरीत भारतीय कार्यबल में 4% ही लोग कुशल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वह दक्षिण कोरिया या जर्मनी की तरह वोकेशनल एजुकेशन में वृद्धि करेंते। उन्होंने कहा, ''एक बार जब आप अपनी शिक्षा पूरी कर लेते हैं, तो आप व्यावसायिक शिक्षा करने के लिए तीन से पांच साल का समय ले सकते हैं। इस दौरान आप कंपनियों में काम भी कर सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को पता होना चाहिए कि पिछले पांच सालों में जितनी भी सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं, उनमें से 79% संविदा की नौकरियां हैं। वे वास्तविक नौकरियां नहीं हैं, उनके पास पेंशन नहीं है, कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं है।''
वरुण गांधी ने आगे कहा कि इसलिए, मैंने जो बिल पेश किया है उसके तहत आपको समयबद्ध तरीके से वैकेंसियों की पहचान करना होगा और 45-60 दिनों में परीक्षाएं करानी होंगी और फिर लोगों को नौकरी देनी होगी। मैंने इस बिल को सामने रखा है और मैंने इस पर कुछ मंत्रियों से बात की है। उन्होंने नई नौकरियों का वादा भी किया है।''
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