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RSS ने इंद्रेश कुमार की टिप्पणी से बनाई दूरी, कहा- मोहन भागवत ने बीजेपी पर नहीं साधा निशाना

संघ से जुड़े सूत्रों ने आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के उस बयान से भी पल्ला झाड़ लिया, जिसमें उन्होंने भाजपा पर उसके चुनावी प्रदर्शन को लेकर निशाना साधा था।

Niteesh Kumar स्मृति रामचंद्रन, हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीFri, 14 June 2024 05:00 PM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय जनता पार्टी से मतभेद की खबरों को खारिज किया है। बीजेपी ने इसे भ्रम पैदा करने की कोशिश करार दिया। संघ के सूत्रों ने यह भी मानने से इनकार कर दिया कि लोकसभा चुनाव को लेकर सरसंघचालक मोहन भागवत की आलोचनात्मक टिप्पणियां भाजपा को निशाना बनाकर की गईं। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा के बीच कोई दरार नहीं है। दरअसल, विपक्षी नेताओं का दावा है कि भागवत की टिप्पणी लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को एक संदेश है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सच्चा सेवक कभी अहंकारी नहीं होता। ऐसे में संघ का यह ताजा बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

संघ से जुड़े सूत्रों ने कहा, '2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद भागवत ने जो भाषण दिए थे और इस बार का जो भाषण है, इनमें बहुत अधिक अंतर नहीं है। किसी भी संबोधन में राष्ट्रीय चुनावों जैसी महत्वपूर्ण घटना का संदर्भ होना लाजिमी है। लेकिन, इसका गलत मतलब निकाला गया और भ्रम पैदा करने के लिए इसे संदर्भ से बाहर ले जाया गया। उनकी अहंकार वाली टिप्पणी कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा के किसी नेता के खिलाफ नहीं थी।' 

मोहन भागवत ने क्या कहा था
बता दें कि अपने भाषण में भागवत ने मणिपुर में एक साल बाद भी शांति बहाल ना होने पर चिंता जताई थी। साथ ही, उन्होंने चुनाव के दौरान विमर्श की आलोचना की थी और चुनाव खत्म होने व नतीजे आने के बाद क्या और कैसे होगा, इस पर अनावश्यक बातचीत के बजाय आगे बढ़ने का आह्वान किया था। विपक्षी नेताओं ने भाजपा और मोदी पर निशाना साधने के लिए उनकी टिप्पणियों को हथियार बना लिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि भले ही एक तिहाई प्रधानमंत्री की अंतरात्मा या मणिपुर के लोगों की बार-बार की पुकार भी उन्हें पिघला न पाई, शायद भागवत आरएसएस के पूर्व पदाधिकारी को मणिपुर जाने के लिए राजी कर सकें।

विपक्ष के दावों पर RSS का जवाब
आरएसएस सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं के इस तरह के दावे कुछ और नहीं बल्कि भ्रम फैलाने की राजनीति है। संघ सूत्रों ने भाजपा के वैचारिक संरक्षक माने जाने वाले आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के उस बयान से भी पल्ला झाड़ लिया, जिसमें उन्होंने भाजपा पर उसके चुनावी प्रदर्शन को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि भगवान राम ने 241 पर उन लोगों को रोका जो अहंकारी हो गए थे। उन्होंने कहा, 'जिस पार्टी ने भगवान राम की भक्ति की लेकिन अहंकारी हो गई उसे 241 पर रोक दिया गया... हालांकि वह सबसे बड़ी पार्टी बनी। जिन लोगों का राम में कोई विश्वास नहीं था, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया।' उनका इशारा इंडिया गठबंधन की ओर था जिसे इस चुनाव में 234 सीट मिली। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि यह कुमार की निजी राय है और यह संगठन के विचार को प्रतिबिंबित नहीं करती।

चुनाव प्रचार पर आरएसएस ने क्या कहा 
सूत्रों ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि आरएसएस इस बार भाजपा के समर्थन में उस तरह से चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं था, जिस तरह से वह पहले रहा है। उन्होंने कहा, 'RSS प्रचार नहीं करता लेकिन लोगों में जागरूकता पैदा करता है और उसने चुनाव के दौरान अपना काम किया। पूरे देश में हमने लाखों सभाएं की हैं। अकेले दिल्ली में हमने एक लाख से अधिक छोटे समूहों की बैठकें कीं।' सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस और भाजपा सहित उसके सहयोगी संगठनों की तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से शुरू होगी। इस मीटिंग में भाजपा अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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