परेशान करने के लिए किया था मेरा ट्रांसफर, जाते-जाते कॉलेजियम पर बरसे इलाहबाद हाईकोर्ट के जज
Allahabad High Court: विदाई समारोह में उन्होंने मौजूदा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का धन्यावाद किया। खास बात है कि सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने उनका नाम मुख्य न्यायाधीश के लिए बढ़ाया था।
Supreme Court Collegium: इलाहबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर रिटायर हो रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने अपने एक ट्रांसफर का किस्सा साझा किया और भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर परेशान करने के आरोप लगाए। जस्टिस दिवाकर का कहना था कि उनका तबादला गलत मकसद से किया गया था।
लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस दिवाकर ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मेरा ट्रांसफर ऑर्डर मुझे परेशान करने के गलत इरादे से जारी किया गया था।' उन्होंने कहा, 'हालांकि, जैसा कि भाग्य ने चाहा, यह परेशानी मेरे लिए वरदान बन गई, क्योंकि मुझे मेरे साथी जजों और बार के साथियों की तरफ से काफी प्यार, समर्थन और सहयोग मिला।'
CJI चंद्रचूड़ का धन्यवाद
विदाई समारोह में उन्होंने मौजूदा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का धन्यावाद किया। खास बात है कि सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने उनका नाम मुख्य न्यायाधीश के लिए बढ़ाया था। उन्होंने कहा, 'जीवन एक परीक्षा है, परिणाम नहीं। सच बात है कि कर्म इसे तय करता है। अच्छा काम हमेशा अपनी छाप छोड़कर जाता है।' उन्होंने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने उनके साथ हुए अन्याय को सुधारा था।
इलाहबाद हाईकोर्ट का बचाव
जस्टिस दिवाकर ने कहा कि सीमित संसाधन होने के बाद भी उन्होंने इलाहबाद हाईकोर्ट को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, 'इलाहबाद हाईकोर्ट में भारी काम को संभालना वाकई चुनौती थी।' उन्होंने कहा कि बाहर रहकर इलाहबाद हाईकोर्ट के काम करने के तरीके की आलोचना करने वालों को अंदर से इसका काम देखना चाहिए।
सफर
वह 31 मार्च 2009 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज बने थे। वहां, करीब साढ़े आठ सालों तक सेवाएं देने के बाद 3 अक्टूबर 2018 को उनका तबादला इलाहबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया था। इसके बाद 13 फरवरी 2023 को उन्हें इलाहबाद हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया गया था।