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एकनाथ शिंदे बना सकते हैं अलग गुट, पार्टी कैडर्स को जुटाने में लगे उद्धव ठाकरे; लड़ाई अब कानूनी हुई

शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में संख्या मायने रखती है और हमारे पास संख्या है। आगे की कार्रवाई आज दोपहर की बैठक में तय की जा सकती है। मालूम हो कि शिंदे खेमे में 37 विधायक और नौ निर्दलीय विधायक हैं।

Niteesh Kumar स्वप्निल रावल, हिन्दुस्तान टाइम्स, मुंबईFri, 24 June 2022 05:38 AM
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एमवीए सरकार के विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 37 विधायकों का समर्थन हासिल है। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए आज में गुवाहाटी के होटल में बैठक होने है। चर्चा है कि विद्रोही गुट एक नया समूह बना सकता है, क्योंकि अब उनके पास दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता से बचने के लिए पर्याप्त संख्या है। इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी को लामबंद करना शुरू कर दिया है और जिला प्रमुखों व संपर्क प्रमुखों की बैठक बुलाई है।

शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में संख्या मायने रखती है और हमारे पास संख्या है। आगे की कार्रवाई आज दोपहर की बैठक में तय की जा सकती है। मालूम हो कि शिंदे खेमे में 37 विधायक और नौ निर्दलीय विधायक है। इसके अलावा उन्हें छोटी पार्टियों के विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

पार्टी के जिलाध्यक्ष को संबोधित करेंगे उद्धव ठाकरे
मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष को अपने आवास मातोश्री से संबोधित करेंगे। शिवसेना के पदाधिकारियों को दादर में पार्टी मुख्यालय शिवसेना भवन में इकट्ठा होने के लिए कहा गया है। शिवसेना नेताओं ने बताया कि ठाकरे पदाधिकारियों को बैठक आयोजित करने और शाखा स्तर तक जाने का निर्देश दे सकते हैं, जहां यह बताया जाएगा कि शिवसेना मराठी मानुष और हिंदुत्व के लिए खड़ी है।

'बागी विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले'
वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने बागियों से कहा कि बगावत करने वाले विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं और सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। राउत ने कहा, "आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे। हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें। आपकी मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए।"

उन्होंने कहा, “बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है। अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं। आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं... आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें।"

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