संजय राउत ने कहा, ‘एनसीपी प्रमुख अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार से मिलते हैं। रोहित पवार भी अपने चाचा अजित पवार से मिलते हैं। पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अलग-अलग पार्टियों के सदस्य हैं, लेकिन वे मुंडे परिवार के सदस्य हैं।'
Nitin gadkari on Balasaheb Thackeray: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एक बार जब मैंने बाला साहेब से वाइन पीने के लिए इनकार कर दिया तो उन्होंने मुझे झिड़कते हुए कहा कि यह तो चड्डी छाप है इसके लिए गाय का गोबर और गौमूत्र से बनी वाइन लेके आओ।
Maharashtra Ministers Full List: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार रविवार को हुआ। चंद्रशेखर बावनकुले, चंद्रकांत पाटिल, दादा भुसे समेत कई को मंत्री बनाया गया है। यहां देखिए पूरी लिस्ट
पूर्व मुख्यमंत्री ने दादर स्टेशन के बाहर हनुमान मंदिर को गिराने के लिए रेलवे द्वारा जारी नोटिस का उल्लेख करते हुए कहा कि 80 साल पुराने मंदिर को गिराने के लिए 'फतवा' जारी किया गया है।
विशेष सत्र आज यहां सुबह 11 बजे शुरू हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली।
सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर भाजपा राजी नहीं है, लेकिन उनको शहरी विकास मंत्रालय दिया जाएगा। महाराष्ट्र जैसे राज्य में यह बेहद ताकतवर मंत्रालय माना जाता है। ऐसे में एकनाथ शिंदे के राजी होने की यह भी एक वजह है। लेकिन एकनाथ शिंदे इतने से ही संतुष्ट नहीं हैं।
महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिलीं।
संजय शिरसाट ने कहा, 'शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाकर भाजपा को निश्चित रूप से फायदा हुआ। भाजपा या एनसीपी, मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों को मनाने के प्रयास में शामिल नहीं थी। शिंदे ने ही इसका जिम्मा लिया।'
सूत्रों की मानें तो भाजपा 50 साल से कम आयु के विधायकों को मंत्री पद के लिए प्राथमिकता देना चाहती है। इसका मकसद युवा मतदाताओं को पार्टी की ओर से आकर्षित करना है।
शिवसेना के नेता संजय शिर्सात का कहना है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे कैबिनेट का हिस्सा तो होंगे, लेकिन वह डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। संजय ने कहा कि एकनाथ शिंदे का बड़ा कद है और वह इस भूमिका को स्वीकार नहीं करेंगे। उनकी जगह कोई और इस पद पर आएगा।
CM of Maharashtra: एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मोदी और शाह जो भी निर्णय लेंगे, शिवसेना उसका पालन करेगी। उन्होंने दोहराया कि मैंने मोदी और शाह से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार पर फैसला लेना चाहिए और यह हमारे लिए अंतिम होगा।'
Maharashtra CM: नतीजों का ऐलान शनिवार को हो चुका है, जिसमें महायुति ने बंपर जीत दर्ज की थी। हालांकि, अब तक शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मुख्यमंत्री को लेकर सहमति नहीं बनी है।
शिवसेना मामले में फैसला देर से लेने के आरोपों पर भी पूर्व सीजेआई ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘देखिए, यही समस्या है। असली दिक्कत यह है कि राजनीति का एक निश्चित वर्ग सोचता है कि अगर उनके एजेंडे का पालन करते हैं तो हम स्वतंत्र हैं।’
उद्धव सेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा कि आपके साथ बागी हुए कई नेता हार गए हैं। आपने कहा था कि चुनाव में यदि कोई भी बागी हारा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। क्या आप अब राजनीति छोड़ेंगे? इसके साथ ही सामना में उन नेताओं की लिस्ट छापी गई है, जो 2022 में बागी हुए थे, लेकिन चुनाव में पराजित हो गए।
पार्टी का नाम और सिंबल पहले ही खो चुके उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे गुट ने नई टेंशन दी है। शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावाले का कहना है कि उद्धव ठाकरे के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और साथ आना चाहते हैं। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट के इस दावे के बाद उद्धव सेना अलर्ट हो गई है।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने 20 सीटें जीती हैं, जिनमें से 10 पर जीत का अंतर एमएनएस उम्मीदवार को मिले वोटों से कम है। शिवसेना के कार्यकर्ता ने बताया कि इनमें वर्ली, बांद्रा पूर्व और माहिम जैसी चर्चित सीटें शामिल हैं।
संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया, ‘डीवाई चंद्रचूड़ ने दलबदलुओं के मन से कानून का डर खत्म कर दिया। उनका नाम इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।’
एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत करने के एक साल से अधिक समय बाद वह अब अपने चाचा की छाया से बाहर आ गए हैं। अजित पवार ने राज्य की राजनीति में अपनी जगह मजबूत कर ली है।
महाराष्ट्र में वोटों की गिनती के बीच संजय राउत सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। महा विकास आघाड़ी के हार के करीब पहुंचते ही शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने दोबारा मतदान कराने की मांग की है।
Bandra East Election Result Live: जीशान सिद्दीकी कांग्रेस छोड़कर अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हुए हैं। यहां शिवसेना (उद्धव) के वरुण सरदेसाई से उनका चुनावी मुकाबला है। दोनों के बीच टक्कर दिख रही है।
Maharashtra के लिए News 24 Exit Poll में एनडीए को 137-157 सीटें दी गई हैं, जबकि इंडिया गठबंधन को 126-146 सीटें दी गईं। अन्य के खाते में दो से आठ सीटें जाने का अनुमान है।
राज ठाकरे ने कहा कि इस बार कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता। लेकिन इतना तय है कि हम किंगमेकर की भूमिका में होंगे। राज ठाकरे ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा और वह हमारे समर्थन से होगा। यह मेरे दिमाग की उपज है। मैं तो लगातार कह रहा हूं कि भाजपा की सरकार बनेगी।
शिवसेना उम्मीदवार ने 27 अक्टूबर को उपनगरीय विक्रोली के टैगोर नगर इलाके में कार्यक्रम को संबोधित किया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं, जिसका वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया।
मुंबई दक्षिण से एमपी ने कहा कि उनके शब्दों की गलत व्याख्या की जा रही है। वहीं, शाइना ने कहा कि सावंत की टिप्पणी उद्धव ठाकरे नीत पार्टी की मानसिकता को दर्शाती है।
एकनाथ शिंदे ने कहा, 'विपक्ष को लग रहा था कि ये कठपुतलियां हैं। उन्हें ये नहीं पता था कि हम इतनी बड़ी योजनाएं चलाएंगे। इंडस्ट्री हम पर भरोसा करेगी। हमारी सरकार लोगों के लिए काम कर रही है।'
नवाब मलिक ने कहा कि उन्हें मंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। साथ ही, यह उनका आखिरी चुनाव होगा। उन्होंने कहा, ‘जमानत मिलने के बाद मैं अपने कार्यालय गया और काम शुरू किया। अपनी बेटी सना मलिक से जुड़े सवाल पर उन्होंने भी जवाब दिया।’
शिवसेना को यदि 100 से कम सीटें मिलीं तो 1995 के बाद यह सबसे कमजोर आंकड़ा होगा। अमूमन सभी चुनाव में उसकी सीटों का आंकड़ा 160 के पार ही रहता था। भाजपा के साथ 2019 में उसने थोड़ा समझौता किया था और 124 सीटें पा ली थीं। बीते 30 सालों में वह कभी भी 100 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ी।
अर्जुन खोतकर ने इससे पहले कहा था, ‘पांगारकर पूर्व शिवसैनिक हैं और पार्टी में वापस आ गए हैं। उन्हें जालना विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान का प्रमुख नामित किया गया है।’
श्रीकांत पांगारकर 2001 से 2006 तक जालना नगरपालिका के पार्षद रहे। उन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इस साल 4 सितंबर को कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।
अदालत ने अपने ताजा फैसले में कहा कि मेधा सोमैया प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और मानहानि के कारण उनकी छवि धूमिल हुई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है।