शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन कर महाराष्ट्र में सत्ता में मौजूद पार्टी को गोवा में चुनाव जीतने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में जब शिवसेना दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी, तो भारतीय जनता पार्टी को भी उसकी ताकत का अंदाजा हो गया था। इधर, राज ठाकरे भी कजिन उद्धव के सामने टिक नहीं सके।
शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे ने कहा कि लेकिन मैं राहुल गांधी से खुलकर कहता हूं कि सावरकर हमारे लिए भगवान की तरह हैं और हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे...। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ हैं।
2019 के मुकाबले शिवसेना उम्मीदवारों की संख्या घट सकती है। उस दौरान पार्टी ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 56 पर जीत दर्ज की थी। वहीं, 164 पर उतरी भाजपा के खाते में 105 सीटें आई थी।
Shiv Sena Case: पीठ के एक जज जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि पार्टियों में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। पार्टियों को एक परिवार के व्यक्ति चला रहे हैं। उनके सामने किसी का कोई विरोध नहीं चलता।
पार्टी पर नियंत्रण के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पृष्ठों के अपने आदेश में, आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक 'मशाल' चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी।
महाराष्ट्र की सीयसत में शुक्रवार को एक बड़ा दिन था। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असल शिवसेना करार देते हुए पार्टी का चुनाव चिह्न तीर और कमान उनकी पार्टी को दे दिया। इस फैसले के बाद से हलचल मची है।
एनटी रामाराव साल 1995 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसी दौरान उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू ने बगावत कर दी। नायडू के साथ कई विधायक भी आ खड़े हुए और रामाराव की सीएम कुर्सी चली गई।
लेख में दक्षिणपंथी समूहों की ओर से लव-जिहाद के खिलाफ मार्च निकालने को लेकर भी भाजपा पर कटाक्ष किया गया है। इसमें कहा गया कि भाजपा को जब भी हार का झटका लगता है तो वह अपना तुरुप का पत्ता खेलती है।
Maharashtra News: सीएम शिंदे ने बीते साल जून में शिवसेना में बगावत कर दी थी और करीब 40 विधायकों ने उनका साथ दिया था। कहा जा रहा है कि इसके साथ ही उद्धव ने सबसे मुश्किल चुनौती का सामना किया।
शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की 97वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा,
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता, जिसने बार-बार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में समय लिया, अब नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगा सकता और निर्वाचन आयोग की आलोचना नहीं कर सकता।
Shivsena News: उद्धव ठाकरे 'सेना' की ओर से निर्वाचन आयोग को एक 12 सूत्रीय पत्र लिखा गया है। इस लैटर में प्रतिद्विंदी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में काम करने के आरोप लगाए गए हैं।
शिवसेना के दोनों गुटों के नेता शस्त्र पूजा के बाद रात करीब 8 बजे भाषण दे सकते हैं। कहा जा रहा है कि उद्धव के बेटे और शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे पहली बार दशहरा कार्यक्रम में भाषण दे सकते हैं।
जब पार्टी में दो गुट बने हुए हों या यह पता लगाना संभव न हो कि किसी गुट के पास बहुमत हैं, तो आयोग पार्टी के चिह्न को फ्रीज कर सकता है। साथ ही वह गुटों को नए नाम के साथ रजिस्टर करने की अनुमति देता है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष कुलकर्णी को सीएम एकनाथ शिंदे के ओएसडी यानी ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया गया है। सरकार का कहना है कि यह फैसला समन्वय बेहतर करने के लिए लिया गया है।
उद्धव ठाकरे ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान पर आज कहा, "सिर्फ तिरंगा फहराने से आप देशभक्त नहीं हो जाते।" कहा कि वह समझते हैं कि यह 'आजादी का अमृत महोत्सव' का हिस्सा है.....
Maharashtra Politics: साल 2019 में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस ने मिलकर महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनाई थी, लेकिन शिवसेना में 40 विधायकों की बगावत के बाद सरकार गिर गई थी।
भाजपा ऐसी 144 सीटों पर फोकस करेगी, जहां उसे 2019 में जीत नहीं मिल सकी थी। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इन पर फोकस करने से वह उन इलाकों में हार की भरपाई कर सकेगी, जहां पिछली बार जीती थी।
प्रियंका ने कहा, "18 साल के बच्चों को पता नहीं होगा कि भारत में रेस्तरां चलाने के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया क्या है। राजनीति को अलग रखते हुए, मैं 19 साल के बच्चे की मां के तौर पर बात कर रही हूं।"
राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की तैयारी में है। इस बात का संकेत शिवसेना की पार्टी मीटिंग से मिला है। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकार ने बताया की मीटिंग में सांसदों ने मांग की है।
शिंदे समूह ने शिवसेना के जिला स्तर के पदाधिकारियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। एक ओर जहां निकाय चुनाव के लिए ठाकरे भाजपा के साथ जाने के खिलाफ हैं। वहीं, शिंदे गुट भाजपा के साथ गठबंधन चाहता है।
शिवसेना में बगावत करने वाले शिंदे के पास पार्टी के 39 विधायकों के अलावा छोटे दल के 9 और निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। जबकि, उद्धव गुट को बेटे आदित्य ठाकरे समेत 16 विधाायकों का समर्थन हासिल है।
Maharashtra Politics Update: दोनों गुटों का आयोग तक पहुंचना जरूरी है। एक बार मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा को इलेक्शन सिंबल (रिजर्वेशन एंड एलॉटमेंट) ऑर्डर 1968 के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
Maharashtra Politics Update: साल 2018 में भी खबरें आई थी कि केंद्र ने देश के 25 शहरों और गांवों के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। इसे लेकर भी कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था।
शिवसेना के बागी विधायकों को बीते छह दिनों से गुवाहाटी के एक होटल में रखा गया है। कानूनी लड़ाई में उलझने के कारण 48 बागी विधायकों के इस लग्जरी होटल में और अधिक समय तक रुकने की संभावना है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "महाराष्ट्र के बाहर आप चील हैं। लेकिन अब लोगों का धैर्य कमजोर होता जा रहा है। अभी शिव सैनिक सड़कों पर नहीं उतरे हैं। ऐसा हुआ तो सड़कों पर आग लग जाएगी।"
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से कहा, आप पेड़ के फल-फूल लेते हैं, लेकिन जब तक जड़ें (पदाधिकारी और कार्यकर्ता) मजबूत हैं, तब तक मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है।
2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 105 सीटों पर जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल बनी थी। हालांकि, राकंपा, कांग्रेस और शिवसेना के साथ आने के चलते पार्टी सरकार बनाने में असफल रही थी।
शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में संख्या मायने रखती है और हमारे पास संख्या है। आगे की कार्रवाई आज दोपहर की बैठक में तय की जा सकती है। मालूम हो कि शिंदे खेमे में 37 विधायक और नौ निर्दलीय विधायक हैं।