दुर्गा पूजा पंडाल में चंद्रयान-3 की प्रतिकृति, विज्ञान में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए की गई पहल
मेघालय के री-भोई जिले में चंद्रयान-3 की थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल लोगों का स्वागत कर रहा है। चंद्रयान की प्रतिकृति के रूप में पंडाल बनाने का विचार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक माधव सिंह का था।
मेघालय के री-भोई जिले में चंद्रयान-3 की थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल लोगों का स्वागत कर रहा है। चंद्रयान की प्रतिकृति के रूप में पंडाल बनाने का विचार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक माधव सिंह ने दिया था। वह नोंगपोह शहर में राम मंदिर दुर्गा पूजा समिति के सचिव हैं। सिंह ने कहा कि यह जिले के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और छात्रों को विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है।
सिंह ने कहा कि मैंने समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के साथ चर्चा की कि क्यों जिले के छात्र गणित और विज्ञान में रुचि नहीं रखते ? हमने जागरूकता पैदा करने के तरीकों के बारे में सोचा। माधव सिंह ने कहा कि यह स्थापना लोगों के बीच वर्तमान मामलों विशेष रूप से उस गौरवशाली क्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए है जब भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। समिति 1944 से दुर्गा पूजा मना रही है और यह पहली बार है कि उसने पारंपरिक पंडाल को त्याग दिया। चंद्रयान का 20 फुट लंबा मॉडल भी दर्शकों को खूब आकर्षित कर रहा है।
सिंह ने कहा कि पंडाल की स्थापना के लिए गुवाहाटी से वेल्डर और डिजाइनरों के एक समूह को बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि इस साल से समिति युवाओं को उच्च अध्ययन में विज्ञान लेने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीके खोजने की कोशिश करेगी। राज्य की सभी पूजा समितियों की प्रमुख इकाई केंद्रीय पूजा समिति के महासचिव जे एल दास ने कहा कि इस बार सामुदायिक रूप से 243 जगहों पर पूजा आयोजित की जा रही है।