अतीक ने जिसकी तारीफ में पढ़े कसीदे, उसी के शासन में कैसे कसा शिकंजा; 6 महीने में पलटा गेम
उमेश पाल मर्डर केस में रिमांड पर साबरमती जेल से यूपी लाए गए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पिछले शनिवार (15 अप्रैल) को अस्पताल ले जाते वक्त तीन बदमाशों ने पुलिस की मौजूदगी में ही ढेर कर दिया।
माफिया डॉन रहे अतीक अहमद को जब पिछले साल अहमदाबाद की जेल में शिफ्ट किया जा रहा था, तब रास्ते में पत्रकारों से उसने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की थी। कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस वैन में बंद अतीक ने तब मीडियाकर्मियों से ऑन कैमरा योगी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा था कि योगी बहादुर और ईमानदार मुख्यमंत्री हैं।
इतना ही नहीं अतीक ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी बहुत मेहनत कर रहे हैं लेकिन बिडंबना देखिए कि अतीक ने जिसकी तारीफ में कसीदे पढ़े थे, उसने छह महीने के अंदर ही ऐसा कानूनी शिकंजा कसवाया कि इस माफिया का खेल ही खत्म हो गया।
उमेश पाल मर्डर केस में रिमांड पर साबरमती जेल से यूपी लाए गए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पिछले शनिवार (15 अप्रैल) को प्रयागराज के कल्विन अस्पताल ले जाते वक्त तीन बदमाशों ने पुलिस की मौजूदगी में ही ढेर कर दिया। इससे पहले योगी आदित्यनाथ खुद विधानसभा के सत्र में कह चुके थे कि वो इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे।
इससे पहले अतीक का बेटा असद भी एक मुठभेड़ में मारा जा चुका था। उसकी बीवी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है, जबकि दो अन्य बेटे भी जेल में बंद है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद के पास करीब 11,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ईडी ने अतीक के ठिकानों पर छापेमारी कर अब तक करीब 100 से ज्यादा बेमानी संपत्तियों का खुलासा किया है।
अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम सीट से 1989 से लगातार पांच बार विधायक और 2004 से 2009 तक फूलपुर सीट से सपा के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुका था। वह देश का पहला भगोड़ा सांसद होने का रिकॉर्ड भी बना चुका था। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी से अतीक के करीबी रिश्ते रहे हैं लेकिन अखिलेश यादव ने पार्टी के अंदर अतीक का विरोध किया था।
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