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अग्निपथ योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू करते तो नहीं भड़कते युवा? जानें एक्सपर्ट्स की राय

योजना के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध हो रहा है। युवाओं के आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने शुक्रवार को कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कुछ को रोकना पड़ा।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 17 June 2022 08:05 AM
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केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की। यह भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की एक नई अल्पकालिक भर्ती नीति है। इसका उद्देश्य 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के लिए सेना की तीन सर्विस में से किसी एक में 'अग्निवीर' के रूप में शामिल करना है। हालांकि, केंद्र सरकार ने गुरुवार को अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी।

अग्निपथ योजना में कहा गया है कि चार साल की सर्विस के बाद केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को पूर्ण कार्यकाल के लिए रखा जाएगा। शेष 75 प्रतिशत को सेवानिवृत कर दिया जाएगा। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध हो रहा है। युवाओं के आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने शुक्रवार को कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कुछ को रोकना पड़ा है।

"'अग्निपथ' पर धीमी गति से चलने की जरूरत"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्य अभियान के पूर्व महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा, "योजना पहले ही शुरू हो चुकी है और मैं इस पर चर्चा नहीं कर रहा हूं कि इसे किया जाना चाहिए या नहीं। कई आशंकाएं और ग्रे क्षेत्र हैं जिन्हें पर बात करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि हमें धीमी गति से चलना चाहिए और आशंकाओं पर विचार करना चाहिए। इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लाना चाहिए। पहले पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करें और फिर आगे बढ़ें।"

'तीन साल सैनिक के परिपक्व होने के लिए अपर्याप्त'
पूर्व एडीजी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) संजीव सूद ने कहा, "इस योजना में मुझे जो बुनियादी कमियां मिली हैं, वह यह है कि चार साल की सेर्विस में एक जवान को छह महीने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और उसकी कुल सेवा केवल तीन साल के लिए होगी। तीन साल उनके परिपक्व होने और सेना के जवानों के लिए जिस तरह की आवश्यकता होती है, उसके लिए यह पर्याप्त समय नहीं है। आप उनसे कारगिल की तरह एक सैनिक के लड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, जो लंबे वर्षों की सेवा और रेजिमेंट से लगाव के साथ आता है।"

बिहार में तीसरे दिन भी योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन
मालूम हो कि सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना के खिलाफ बिहार में आक्रोशित युवाओं का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा और प्रदर्शनकारियों ने तीन ट्र्रेन की 26 बोगियों में आग लगा दी। समस्तीपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन के 10 डब्बों को आग के हवाले कर दिया। दिल्ली से जयनगर जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन के लगभग 10 डब्बे को काफी नुकसान पहुंचाया गया है। समस्तीपुर में रेल गुमटी संख्या 54 पर भी रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया और शहर में सड़कों पर खड़ी एक दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की। 

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