Agneepath: पूर्व सैन्य अफसरों की ओर से शहादत के मामले में अग्निवीरों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन देने मांग उठाई जा रही है। नियमित सैनिकों के आश्रितों को सेना भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाती है।
Agnipath Yojana: अगर कोई अग्निवीर ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाता है, तो उन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर, 44 लाख रुपये अनुग्रह राशि, चार सालों की सेवा निधि और कॉर्पस फंड मिलता है।
Agniveer Army: थल, जल और नभ सेना तीनों में यही प्रक्रिया अपनाई गई है। सेनाओं में अग्निवीरों के पहले बैच आ चुके हैं। सूत्रों के अनुसार योजना में सुधारों को लेकर अनेक सुझाव सेनाओं की ओर से मिले हैं।
तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है। अदालत ने इस योजना के खिलाफ दायर तीन अर्जियों को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। दिल्ली HC ने भी यही फैसला दिया था।
केंद्र सरकार के आकंड़ों के मुताबिक, 1 मार्च 2022 तक केंद्र सरकार में 34.65 लाख कर्मचारी कार्यरत थे। राज्यों के कर्मचारियों की संख्या अलग-अलग है।नई पेंशन व्यवस्था से केंद्रीय और राज्यों के कर्मी नाराज
गौरतलब है कि पहली बार अग्निपथ भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश से अग्निपथ योजना के तहत वायु सेना के 3500 पदों पर भर्ती की जाएगी। इस परीक्षा में सभी प्रश्न 12वीं स्तर के हैं।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह तो पुरानी ही व्यवस्था है। यहां तक कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी।
तेजस्वी ने कहा, "संघ की BJP सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है। क्योंकि बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों छंटनी होगी।"
सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई अग्निपथ स्कीम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तारीख तय कर दी है। अदालत ने इन अर्जियों पर 15 जुलाई यानी शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला लिया।
विपक्षी सांसदों ने इस दौरान अग्निपथ योजना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए इतनी ज्यादा अर्जियां आने के पीछे वजह देश बेरोजगारी है। रक्षामंत्री ने मीटिंग को अच्छा बताया।