'अग्निवीरों' की ट्रेनिंग अलग, सशस्त्र पुलिस फोर्स में भर्ती करना भी एक चुनौती; जानें क्या आएंगी दिक्कतें
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि सीएपीएफ और असम राइफल्स में 73,219 पद खाली हैं। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों में भी 18,124 पद खाली हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में 'अग्निवीरों' को वरीयता देने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि, अभी तक अर्धसैनिक बल के विभिन्न विंगों को 'अग्निपथ योजना' के तहत भर्ती के साथ आगे बढ़ने के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है। फिलहाल अर्धसैनिक बलों के पांच विंग- सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), शास्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा फोर्स (सीआईएसएफ) में 73,000 से अधिक पद खाली हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि सीएपीएफ और असम राइफल्स में 73,219 पद खाली हैं। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों में भी 18,124 पद खाली हैं। एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "यह स्पष्ट नहीं है कि इन 'अग्निवीरों' को पूर्व सैनिक श्रेणी के नियम या किसी अन्य नियम के तहत सर्विस मिलेगी या नहीं।"
CAPF में पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत कोटा
मौजूदा नियमों के अनुसार, सीएपीएफ में पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत कोटा है। अधिकारी ने कहा, "भले ही वे इस श्रेणी में आते हैं, उन्हें एक बार फिर ट्रेनिंग से गुजरने के लिए कहा जाएगा। 'अग्निवीर' ट्रेंड होंगे, लेकिन सीएपीएफ की जरूरतें अलग होती हैं।"
ITBP, BSF, SSB और CISF में जवानों की ड्यूटी अलग-अलग होती है। जैसे सीमा पर गश्त, ड्रग्स, मवेशियों और हथियारों की तस्करी पर नजर रखना, चुनाव और विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था का प्रबंधन, VVIP सुरक्षा, महानगरों और हवाई अड्डों पर यात्रियों की तलाशी आदि। इनमें से कोई भी सशस्त्र बलों के प्रोफाइल का हिस्सा नहीं हैं।
अग्निवीरों को प्रेरित रखना भी एक चुनौती
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "इन 'अग्निवीरों' को प्रेरित रखना भी एक चुनौती होगी, क्योंकि सेना में सर्विस देने के बाद उन्हें रोजगार के मकसद से छोटे अर्धसैनिक बल में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसे में इन रंगरूटों के मनोवैज्ञानिक पहलू से भी निपटना होगा।"
अधिकारियों का दावा है कि सीएपीएफ में 'अग्निवीरों' को शामिल करना पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला था, क्योंकि अक्सर सरकार यह देखने के लिए चर्चा या कुछ पायलट प्रोजेक्ट शुरू करती है कि यह कैसे आगे बढ़ता है। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार को पहले कुछ पायलट प्रोजेक्ट शुरू करना चाहिए था और फिर प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए था।
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