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केजरीवाल के लिए गुजरात से गुड न्यूज? राजनीतिक विशेषज्ञों का दावा- गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्षी वोटों का बांट सकती है 'आप'

गुजरात के 182 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव इस साल दिसंबर में होना है। राज्य में पिछले दो दशक से सत्तारूढ़ दल भाजपा का ही शासन है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब तक भाजपा का विकल्प नहीं बन पाई है।

praveen अहमदाबाद | भाषा, Sun, 12 June 2022 12:13 PM
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गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (आप) स्वयं को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में देख रही है, वहीं कांग्रेस और राजनीतिक विशेषज्ञों को लगता है कि पार्टी विपक्ष के वोटों को विभाजित करेगी, जिससे भाजपा को फायदा होगा। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात में भाजपा की 'बी-टीम' है।

गुजरात के 182 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव इस साल दिसंबर में होना है। राज्य में पिछले दो दशक से भाजपा का शासन है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब तक भाजपा का विकल्प नहीं बन पाई है।

पंजाब में 'आप' की जबर्दस्त जीत के बाद से पिछले तीन महीने में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार बार गुजरात आए हैं, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को छोड़ कर कोई केंद्रीय नेता यहां नहीं आया है। राहुल पिछले दो महीने में एक बार यहां आए हैं।

'आप' का वैज्ञानिक तरीके से चुनाव लड़ने का दावा

'आप' के प्रदेश प्रभारी डॉ. संदीप पाठक के मुताबिक, हम जहां भी चुनाव लड़ते हैं, वैज्ञानिक तरीका अपनाते हैं। हमने अन्य राज्यों में इस आधार को अपनाया है और गुजरात में भी वैज्ञानिक सर्वे किया है। हमारे आंतरिक सर्वे के अनुसार, हम आज की तारीख में कुल 58 सीटें जीतेंगे।

हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षक हरि देसाई ने कहा कि 'आप' विपक्ष के वोटों को विभाजित करेगी जिससे अंतत: कांग्रेस के खिलाफ भाजपा को फायदा पहुंचेगा।

'आप' भाजपा की 'बी-टीम' : कांग्रेस

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने दावा किया कि 'आप' भाजपा की 'बी-टीम' है। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने कभी भी तीसरे विकल्प को मंजूरी नहीं दी है, चाहे वह चिमनभाई पटेल का किसान मजदूर लोक पक्ष (केआईएमएलओपी) हो, भाजपा के बागी शकंरसिंह वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) हो या केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) हो। दोशी ने दावा किया कि 'आप' को गुजरात के लोग खारिज कर देंगे।

वहीं, राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने कहा कि 'आप' एक वैकल्पिक एजेंडा वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सूरत और गांधीनगर समेत कुछ अन्य नगर पालिकाओं में हुए निकाय चुनावों में पार्टी ने लगभग 18 से 20 प्रतिशत मत हासिल किए हैं। गोहिल ने कहा कि 'आप' के पास इस साल गुजरात विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने का एक वास्तविक मौका है। उन्होंने बताया कि 'आप' अब तक अपने अभियान को गति देने में सफल रही है।

'आप' को ग्रामीण गुजरात से आस

'आप' के पंजाब से राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी के सर्वे के अनुसार, ग्रामीण गुजरात के लोगों की राय है कि कांग्रेस भाजपा को नहीं हरा सकती। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण गुजरात के कांग्रेसी मतदाता हमारा समर्थन कर रहे हैं। उसी तरह शहरी निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के मतदाता भी बदलाव चाहते हैं और हमारा समर्थन कर रहे हैं।

'आप' के प्रदेश प्रवक्ता योगेश जडवानी ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस के पास गुजरात के लिए कोई विजन नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पर पांच-छह नेताओं का नियंत्रण है, जिनमें से प्रत्येक के अपने गुट हैं। वह लोग आपस में लड़ रहे हैं। वह नए चेहरों को भी सामने नहीं आने देते हैं। इसलिए, लोग हमें गुजरात में भाजपा के विकल्प के तौर पर मुख्य दावेदार के रूप में वोट देंगे। 

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