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भारत ने हथियार खरीदने कर दिए कम, रूस से खरीदारी में बड़ी गिरावट; SIPRI रिपोर्ट ने चौंकाया

  • SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने भले ही हथियारों को खरीदना कम कर दिया हो मगर अभी भी हमारा देश यूक्रेन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है। खैर, यूक्रेन तो बीते 2 साल से रूस के साथ युद्ध लड़ रहा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 10 March 2025 10:40 PM
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भारत ने हथियार खरीदने कर दिए कम, रूस से खरीदारी में बड़ी गिरावट; SIPRI रिपोर्ट ने चौंकाया

भारत ने दूसरे देशों से हथियार खरीदना अब कम कर दिया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया। इसके मुताबिक, भारत के हथियार आयात में 2015-19 और 2020-24 के बीच 9.3% की गिरावट आई है। इस दौरान रूस से हथियारों की खरीदारी में भी गिरावट दर्ज की गई। यह डेटा ऐसे समय में सामने आया है जब भारत सरकार आयात में कटौती पर जोर दे रही है। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर फोकस है।

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SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने भले ही हथियारों को खरीदना कम कर दिया हो मगर अभी भी हमारा देश यूक्रेन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है। खैर, यूक्रेन तो बीते 2 साल से रूस के साथ युद्ध लड़ रहा है। इससे पहले भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक हुआ करता था। आंकड़े बताते हैं कि यूक्रेन 2020-24 के बीच हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक बन गया। साल 2015-19 की तुलना में उसका आयात लगभग 100 गुना बढ़ा है। मालूम हो कि SIPRI की ओर से हथियारों की खरीद को हर 5 साल में मापा जाता है।

रूस से खरीदारी में आती गई कमी

भारत ने रूस से एक दशक पहले की तुलना में हथियार खरीदना कम कर दिया है। हालांकि, मास्को के लिए अभी भी हमारा देश बड़े खरीदारों में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत हथियारों का सबसे ज्यादा (36%) आयात रूस से करता है। साल 2015-19 के बीच यह आंकड़ा 55% हुआ करता था। साल 2010-14 में तो यह 72% था। ऐसे में तुलना करके देखें तो रूस से हथियारों की खरीद में काफी कमी आई है। मालूम हो कि भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्थानीय रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है, जो कि 1.27 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। साल 2025-26 में इसके 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। भारत ने बीते वर्षों रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसका सकारात्मक असर दिखना शुरू हो गया है।

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