Hindi Newsदेश न्यूज़Sena leader Sanjay Nirupam to Uddhav camp on Waqf bill Did you abstain for Muslim votes

मुस्लिम वोटों के लिए चुप हैं क्या? वक्फ बिल पर उद्धव ठाकरे से शिवसेना नेता ने पूछे सवाल

  • उन्होंने उद्धव ठाकरे पर मुस्लिम वोटरों के तुष्टीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को वक्फ वाले विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 9 Aug 2024 09:12 PM
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शिवसेना नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने के लिए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधा। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर मुस्लिम वोटरों के तुष्टीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को वक्फ वाले विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

निरुपम ने एएनआई को बताया, "कल जब वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, तो इंडिया अलायंस के कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई...शिवसेना (यूबीटी) के 9 सांसदों ने मतदान से परहेज किया। मैं पूछना चाहता हूं, क्या आपने मुस्लिम वोटों के लिए मतदान से परहेज किया?...शिवसेना (यूबीटी) को स्पष्ट करना होगा कि वे इस विधेयक को चाहते हैं या नहीं।"

गुरुवार को शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने भी विधेयक का विरोध करने को लेकर उद्धव ठाकरे खेमे की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, "आज संसद में उद्धव ठाकरे के यूबीटी प्रतिनिधियों का असली चेहरा और उनका पाखंड उजागर हो गया, जब वक्फ बोर्ड बिल पर चर्चा के दौरान यूबीटी के सभी प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे। मुसलमानों ने आपको वोट दिया, लेकिन बदले में चुप्पी क्यों है? मुसलमान इस सवाल का जवाब यूबीटी के सांसदों से जरूर मांगेंगे।"

इंडिया गठबंधन के सदस्य शिवसेना (यूबीटी) ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे 'मुस्लिम विरोधी' बताया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एएनआई से कहा, "हर सुधार के पीछे वे (बीजेपी) ध्रुवीकरण का अपना एजेंडा लेकर आए हैं। पहले उन्होंने इसे धर्म के आधार पर किया और अब वे इसे जाति के आधार पर कर रहे हैं। यह बिल मुस्लिम विरोधी, धर्म विरोधी और संघीय ढांचे के खिलाफ है। यह एक संयुक्त समिति के पास गया है और अगर वे किसी के अधिकार छीनना चाहते हैं, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।"

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "इस विधेयक से पता चलता है कि वे महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में इस विधेयक से लाभ उठाने का इरादा रखते हैं। लेकिन, अब लोग उन्हें समझ चुके हैं और उन्होंने लोकसभा चुनावों में यह दिखा दिया है।"

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