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हरियाणा के नतीजों पर उद्धव सेना बोली- चुनाव आयोग चूना लगाता है, कांग्रेस को 20 सीटों पर शक

  • अब इसे लेकर दूसरे विपक्षी दल भी हमलावर हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, 'अब कौन देखेगा कि राहुल गांधी ने क्या सबूत पेश किए हैं? चुनाव आयोग तो सबको चूना लगाता है। जनता को यह सोचना चाहिए कि किसने क्या किया है और कौन महाराष्ट्र में क्या करना चाहता है।'

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 11 Oct 2024 11:53 AM
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हरियाणा में चुनावी हार के बाद कांग्रेस ईवीएम पर भी ठीकरा फोड़ रही है। यही नहीं अब इसे लेकर दूसरे विपक्षी दल भी हमलावर हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, 'अब कौन देखेगा कि राहुल गांधी ने क्या सबूत पेश किए हैं? चुनाव आयोग तो सबको चूना लगाता है। जनता को यह सोचना चाहिए कि किसने क्या किया है और कौन महाराष्ट्र में क्या करना चाहता है।' संजय राउत पहले भी ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस ने तो ईवीएम पर ही चुनावी हार का ठीकरा फोड़ा है और इसके लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन का भी ऐलान किया है।

संजय राउत ने इस दौरान महाराष्ट्र सरकार पर वोट जिहाद का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि लड़की बहिन स्कीम लॉन्च की गई है। इसके अलावा मदरसा के टीचरों की सैलरी में भी इजाफा किया गया है। संजय राउत ने कहा, 'क्या यह वोट जिहाद नहीं है? कई योजनाओं का ऐलान किया गया है, लेकिन जनता जानती है कि आखिर क्या किया जा रहा है। यदि हमने यही कदम उठाया होता तो कहा जाता कि वोट जिहाद किया गया है। अब क्या कहेंगे?' महाराष्ट्र में नवंबर में ही चुनाव होने वाला है। ऐसे में सरकार की ओर से कई योजनाओं का ऐलान किया गया है। इनमें से एक लड़की बहिन योजना भी है।

इस बीच हार को लेकर कांग्रेस लीडर प्रमोद तिवारी ने भी कहा कि मंथन के लिए बैठकें होती रहेंगी। तिवारी ने बताया कि कल इस संबंध में समीक्षा बैठक हुई थी। इस दौरान विस्तार से बात की गई। आगे भी इसे लेकर मंथन होगा। इस मीटिंग में जो भी फैसले लिए जाएंगे, वे बताए जाएंगे। हम सभी लोगों के सुझावोों को शामिल करेंगे। यही नहीं उन्होंने ईवीएम वाले आरोप को दोहराया।

प्रमोद तिवारी ने कहा, 'हमें 20 सीटों पर जानबूझकर हराया गया। वहां बहुत कम अंतर है। हम शुरुआत में ज्यादातर सीटों पर आगे चल रहे थे, लेकिन बाद में काउंटिंग धीमी की गई। इससे संदेह पैदा होता है।' उन्होंने कहा कि चुनाव न सिर्फ साफ सुथरे होने चाहिए बल्कि पारदर्शी भी रहने चाहिए। इसलिए यह जरूरी है कि उन 20 सीटों पर फिर से काउंटिंग की जाए, जिन पर गड़बड़ी का संदेह है।

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