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‘मतभेदों का सम्मान किया जाना जरूरी’, गणतंत्र दिवस पर मोहन भागवत ने क्या कहा

  • मोहन भागवत ने कहा, 'हम विविधता को जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा मानते हैं। आपकी अपनी विशेषताएं हो सकती हैं, लेकिन आपको एक-दूसरे से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।'

Niteesh Kumar भाषाSun, 26 Jan 2025 01:14 PM
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‘मतभेदों का सम्मान किया जाना जरूरी’, गणतंत्र दिवस पर मोहन भागवत ने क्या कहा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए और एकजुटता सद्भाव से रहने की कुंजी है। भागवत ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भिवंडी शहर के कॉलेज में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस एक उत्सव के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद करने का अवसर भी है। भागवत ने विविधता के संदर्भ में कहा कि मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए और सद्भाव से रहने की कुंजी एकजुटता है।

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मोहन भागवत ने कहा, ‘हम विविधता को जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा मानते हैं। आपकी अपनी विशेषताएं हो सकती हैं, लेकिन आपको एक-दूसरे से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अगर आप जीना चाहते हैं तो आपको सामंजस्यपूर्ण जीवन जीना चाहिए। अगर आपका परिवार दुखी है, तो आप खुश नहीं रह सकते। इसी तरह, अगर शहर में कोई परेशानी है तो कोई परिवार खुश नहीं रह सकता।’ भागवत ने ज्ञान और समर्पण से काम करने के महत्व पर जोर दिया।

'अगर आप चावल पकाना जानते हैं तो...'

आरएसएस चीफ ने कहा, ‘उद्यमशील होना महत्वपूर्ण है, लेकिन आपको हमेशा ज्ञान के साथ अपना काम करना चाहिए। बिना सोचे-समझे किए गए किसी भी काम का फल नहीं मिलता बल्कि ऐसा काम परेशानी पैदा करता है।’ भागवत ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए चावल पकाने की तुलना किसी भी काम में ज्ञान की आवश्यकता से की। उन्होंने कहा, ‘अगर आप चावल पकाना जानते हैं, तो आपको पानी, गर्मी और चावल की जरूरत होगी। लेकिन अगर आप नहीं जानते कि इसे कैसे पकाना है और इसके बजाय आप सूखे चावल खाते हैं, पानी पीते हैं और घंटों धूप में खड़े रहते हैं, तो यह भोजन नहीं बन पाएगा। ज्ञान और समर्पण जरूरी हैं।’

'आप किसी होटल में पानी पीते हैं और...'

संघ प्रमुख ने रोजमर्रा की जिंदगी में भरोसे और समर्पण के महत्व पर भी बात की। भागवत ने कहा, ‘अगर आप किसी होटल में पानी पीते हैं और चले जाते हैं, तो आपको अपमानित होना पड़ सकता है या नीचा दिखाने वाली निगाहों से देखा जा सकता है। लेकिन अगर आप किसी के घर में पानी मांगते हैं, तो आपको किसी खाद्य वस्तु के साथ एक जग भर कर पानी दिया जाता है। क्या अंतर है? घर में भरोसा और समर्पण होता है। ऐसे काम का फल मिलता है।’

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