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कर्नाटक CM सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

76 वर्षीय सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें एमयूडीए मामले में निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा राजनीतिक मामला है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बेंगलुरुMon, 30 Sep 2024 07:26 PM
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) प्रकरण के संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

मैसूरु स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान ने 27 सितंबर को दर्ज प्राथमिकी में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू को नामजद किया था। स्वामी ने देवराजू से जमीन खरीदकर उसे पार्वती को उपहार में दिया गया था। पिछले हफ्ते बेंगलुरू की एक विशेष अदालत ने इस मामले में सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिद्धरमैया पर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती को 14 स्थलों के आवंटन में अनियमितता के आरोप हैं।

इसके बाद हाई कोर्ट ने भी राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा वरिष्ठ कांग्रेस नेता के खिलाफ एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने की मंजूरी दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा था जिसके एक दिन बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

76 वर्षीय सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें एमयूडीए मामले में निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे “डरा हुआ” है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा “राजनीतिक मामला” है। उन्होंने यह भी दोहराया कि मामले में उनके खिलाफ अदालत द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह कानूनी रूप से मुकदमा लड़ेंगे।

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एमयूडीए ने मुख्यमंत्री की पत्नी की संपत्ति का ‘अधिग्रहण’ किया था और इसके कथित मुआवज़े के तौर पर मैसूरु के पौश इलाके में भूखंड आवंटित किए थे। आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के तौर पर जो भूखंड आवंटित किये गये थे, उनकी कीमत एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत की गयी जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।

एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 के अनुपात से भूखंड आवंटित किये थे जहां उसने आवासीय लेआउट विकसित किये थे। इस विवादास्पद योजना के तहत एमयूडीए ने उन लोगों को 50 प्रतिशत विकसित जमीन आवंटित की थी जिनकी अविकसित जमीन आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए ली गयी थी। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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