मेरे पास 35 साल का अनुभव, नामांकन से पहले प्रियंका गांधी ने क्यों किया दावा; मम्मी-पापा-भाई का भी जिक्र
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का यह बयान वायनाड लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि उन्हें लोगों का प्रतिनिधित्व करने में प्रियंका गांधी से ज्यादा अनुभव हासिल है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे पहले उन्होंने कलपेट्टा में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें 35 वर्षों का राजनीतिक प्रचार करने का अनुभव हासिल है। प्रियंका ने दावा किया कि उन्होंने अपने पिता राजीव गांधी, मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी और अन्य पार्टी सहयोगियों के लिए चुनाव प्रचार किया है। उन्होंने दावा किया कि 1989 में जब वह 17 साल की थीं, तभी से राजनीतिक प्रचार में भाग लेना शुरू कर दिया था। बकौल प्रियंका, तब उन्होंने अपने पिता और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए वोट मांगे थे।
प्रियंका का यह बयान क्यों?
कांग्रेस महासचिव का यह बयान भाजपा की वायनाड लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार नव्या हरिदास द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि उन्हें लोगों का प्रतिनिधित्व करने में प्रियंका गांधी से ज्यादा अनुभव हासिल है। नव्या हरिदास ने कहा था कि यूडीएफ की उम्मीदवार यानी प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, जबकि वह चौथी बार चुनाव लड़ रही हैं। नव्या ने दावा किया था, "मैं दो बार जीत चुकी हूं और मैं BJP को वायनाड में तीसरे से पहले नंबर पर ले जा सकती हूं। मैं पिछले नौ सालों से पार्षद के रूप में काम कर रही हूं। मेरे पास अनुभव और आत्मविश्वास है। मैं जमीनी स्तर पर लोगों के साथ घुली-मिली हुई हूं। मैंने बूथ स्तर से सियासी सफर की शुरुआत की थी, फिर क्षेत्र और मंडल तक काम किया है। अब मैं बहुत खुश हूं कि मैं ये लोकसभा में चुनाव लड़ रही हूं।” पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर नव्या हरिदास कोझिकोड निगम में पार्षद हैं और वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं।
नव्या का दांव क्या?
दरअसल, नव्या हरिदास ने चुनावी संग्राम में प्रियंका गांधी को नई-नवेली बताकर अनुभवहीन और बाहरी बताने की कोशिश की थी। इसके जवाब में प्रियंका ने कहा कि उनका अनुभव नव्या से कहीं ज्यादा है। प्रियंका के भाषण के दौरान मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
अपने सार्वजनिक संबोधन के दौरान प्रियंका ने यह भी कहा कि वह वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने जाने को सम्मान की बात मानती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में भूस्खलन के समय वायनाड के लोगों द्वारा दिखाए गए साहस ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। प्रियंका गांधी के खिलाफ वाम दलों के एलडीएफ ने सत्यन मोकेरी और भाजपा ने नव्या हरिदास को मैदान में उतारा है। वायनाड लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि राहुल गांधी ने यह सीट छोड़ दी थी। राहुल लोकसभा चुनावों में वायनाड और रायबरेली दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचित हुए थे। उसके बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया था। वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।