Hindi Newsदेश न्यूज़Pregnant clerk loses baby after child welfare officer denies leave in Odisha Social Media outrage

प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, छुट्टी देने से अफसर का इनकार; गर्भ में ही बच्चे की हो गई मौत

प्रियदर्शिनी ने आरोप लगाया है कि सीडीपीओ स्नेहलता साहू ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया है, जिस की वजह से उसे सात महीने का गर्भ गंवाना पड़ा है। पीड़िता प्रियदर्शनी ने अपने साथ हुई घटना का लिखित शिकायत जिले के डीएम और एसपी से की है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, भुवनेश्वरWed, 30 Oct 2024 09:51 PM
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ओडिशा में एक महिला अधिकारी के अमानवीय व्यवहार की वजह से उसके मातहत काम करने वाली एक महिला कर्मचारी को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। महिला कर्मचारी गर्भवती थी और प्रसव पीड़ा से कराह रही थी लेकिन छुट्टी मांगने और अस्पताल ले जाने की गुहार लगाने के बावजूद अधिकारी ने ना तो महिला कर्मचारी को छुट्टी दी और ना ही उसे अस्पताल पहुंचाया। इससे गर्भ में ही उसके बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में हद तो तब हो गई जब अधिकारी खुद एक महिला थी। ओडिशा सरकार ने मामले की जानकारी होने पर संबंधित आरोपी अधिकारी को पद से हटा दिया है।

यह मामला ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के डेराबिस प्रखंड का है, जहां 26 साल की बर्षा प्रियदर्शिनी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) के दफ्तर में बतौर क्लर्क काम करती थी। प्रियदर्शिनी ने आरोप लगाया है कि सीडीपीओ स्नेहलता साहू ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया है, जिस की वजह से उसे सात महीने का गर्भ गंवाना पड़ा है। पीड़िता प्रियदर्शनी ने अपने साथ हुई घटना का लिखित शिकायत जिले के डीएम और एसपी से की है।

प्रियदर्शिनी ने लिखा है कि सीडीपीओ उसे पिछले तीन साल से परेशान कर रही थी। उसने शिकायत में लिखा है, "मेरे गर्भवती होने की जानकारी होने के बावजूद सीडीपीओ ने मेरे साथ अमानवीय व्यवहार किया। वह लगातार मेरा उत्पीड़न कर रही थी। उसकी प्रताड़ना की वजह से मुझे अपना बच्चा गंवाना पड़ा है।" अपनी शिकायत में प्रियदर्शिनी ने दावा किया है कि घटना के दिन जब ऑफिस में काम करते समय उसे प्रसाव पीड़ा हुई तो, उसने सीडीपीओ स्नेहलता साहू और अन्य कर्मचारियों से अस्पताल ले जाने का अनुरोध किया लेकिन सीडीपीओ ने उसके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया।

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इसके बाद उसके परिजन दफ्तर आए और प्रियदर्शिनी को अस्पताल लेकर गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी है। प्रियदर्शिनी ने अपनी शिकायत में सीडीपीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद राज्य की उप मुख्यमंत्री पार्वती परिदा ने कहा है कि सीडीपीओ साहू को फिलहाल पद से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी तरफ सीडीपीओ ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि प्रियदर्शिनी ने भी भी छुट्टी का आवेदन नहीं दिया था। साडीपीओ साहू ने ये भी दावा किया कि उसने कभी भी उसे परेशान नहीं किया है बल्कि उसके परिवार ने ही दुर्व्यवहार किया है। इस घटना की जानकारी मिलने पर सोशल मीडिया पर उबाल है। लोग अधिकारी के रवैये से आहत और आक्रोशित हैं।

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