पुण्यात्माओं को खोना पड़ा; दिल्ली चुनाव प्रचार में भी महाकुंभ हादसे पर बोले PM मोदी, बताया क्या हाल
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘महाकुंभ में जो दुखद हादसा हुआ है, उसमें हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है। कई लोगों को चोटें भी आई हैं। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं यूपी सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में भगदड़ वाले हादसे पर दिल्ली के चुनाव प्रचार के दौरान बयान दिया है। उन्होंने करतार नगर में अपने भाषण की शुरुआत ही महाकुंभ की भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘महाकुंभ में जो दुखद हादसा हुआ है, उसमें हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है। कई लोगों को चोटें भी आई हैं। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं यूपी सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। मौनी अमावस्या की वजह से करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हुए हैं। कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावटें आई थीं, लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रूप से यात्री स्नान कर रहे हैं। मैं फिर एक बार उन परिवार जनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
हादसे के बाद से ही पीएम नरेंद्र मोदी सक्रिय हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार बात की है। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ कंट्रोल रूम के जरिए लगातार महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं। संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे गंगा में कहीं भी स्नान कर लें तो अमावस्या पर उतना ही पुण्य प्राप्त होगा। इस बीच जानकारी मिली है कि मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में दोपहर 12 बजे तक 4 करोड़ 24 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया है। अमृत योग के दुर्लभ संयोग पर आस्था की डुबकी लगा चुके लोगों की कुल संख्या अब तक 19 करोड़ 94 लाख हो चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार को माघ महीने का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या है। स्नान का क्रम मध्यरात्रि से अनवरत जारी है। अभी तक 4.24 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सुबह मौसम में नमी रही लेकिन बाद में धूप खिलने से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खिल गए। वैदिक शोध संस्थान एवं कर्मकाण्ड प्रशिक्षण केन्द्र के पूर्व आचार्य डा आत्माराम गौतम ने बताया कि मौनी अमावस्या पर अमृत योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। पवित्र बेला में मौन रहकर स्नान करने से श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
क्यों मौनी अमावस्या पर ही जुटते हैं स्नान के लिए सबसे ज्यादा लोग
कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जनवरी कि शाम 7 बजकर दस मिनट से लगाकर 29 जनवरी की शाम छह बजकर 27 मिनट तक रहेगी। सूर्य, चंद्र एवं बुध मकर राशि में संचरण करेंगे। वृष राषि में बृहस्पति रहेंगे इससे अमृत योग बनेगा। सुबह 8 बज कर 40 मिनट से श्रवण नक्षत्र लग चुका है जो अत्यंत ही कल्याकारी है। महाकुंभ में सबसे महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या है जिसमें अमृत प्राप्ति के लिए श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान करते हैं। उसी स्नान पर्व पर इस बार वृष राशि में वृहस्पति का संचरण होने से अमृत योग का संयोग बनना अत्यंत दुर्लभ है। स्नान करते समय मौन रहना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर पितरों को तर्पण एवं पिंडदान भी करने की परंपरा रही है।