'लोगों को जिंदा जला दिया, हमें सजा दिलाने की कोशिश हुई', गोधरा-गुजरात दंगे पर क्या बोले PM मोदी
- गुजरात दंगे पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, '27 फरवरी 2002 को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली। यह बहुत गंभीर घटना थी। लोगों को जिंदा जला दिया गया था।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में 2002 के दंगों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि 2002 में गुजरात दंगों के 12-15 महीने पहले का चित्र मैं पेश करना चाहूंगा, ताकि आपको उस स्थिति के बारे में अंदाजा लग सके। पीएम मोदी ने कहा, '24 दिसंबर 1999 यानी तीन साल पहले की घटना है जब काठमांडू से दिल्ली के लिए फ्लाइट आ रही थी। उसे हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया। सैकड़ों भारतीयों को बंधक बना लिया था। साल 2000 में नई दिल्ली में लाल किले के अंदर आतंकी हमला हुआ। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में ट्वीन टावर्स पर बहुत बड़ा आतंकी हमला हुआ। इसने दुनिया भर को चिंतित कर दिया। ये सब करने वाले एक ही प्रकार के लोग थे। अक्टूबर 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आतंकी हमला हुआ। 13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर आतंकी हमला हुआ। इस तरह वैश्विक स्तर पर आतंकी घटनाएं हुईं, जिससे अशांति के लिए स्थिति पैदा हो गई थी।'
पीएम मोदी ने कहा कि 7 अक्टूबर 2001 को अचानक मुख्यमंत्री बनने का दायित्व मेरे सिर पर आ गया। उस समय गुजरात में बहुत बड़ा भूकंप आया था। हजारों लोग मारे गए थे। मुझे बड़े पैमाने पर लोगों के लिए व्यवस्था करनी थी। मैंने पहले ही दिन से इसके लिए काम शुरू किया। उन्होंने कहा, '27 फरवरी 2002 को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली। यह बहुत गंभीर घटना थी। लोगों को जिंदा जला दिया गया। आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी। 2002 से पहले राज्य में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे।'
पीएम मोदी ने 2002 से पहले के दंगों का किया जिक्र
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1969 के दंगे 6 महीने तक चले थे। तब तो हम दुनिया के मानचित्र में कहीं थे ही नहीं। उन्होंने कहा, 'उस समय विपक्ष सत्ता में था और उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की। उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया। यह 2-2 बार हुआ और पूरी तरह निर्दोष रहा। आरोपियों को सजा मिल चुकी है। सबसे बड़ी बात है कि 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई।'
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