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शपथ ग्रहण में पाकिस्तान को भी बुलाया था, ताकि... पीएम मोदी ने खोली पड़ोसी देश की पोल

  • पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से खास बातचीत की। पीएम ने बातचीत में अपने बचपन के किस्से सुनाए, आरएसएस से अपने जुड़ाव के बारे बताया और पाकिस्तान से हालिया भारत के संबंधों पर भी चर्चा की।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun, 16 March 2025 06:39 PM
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शपथ ग्रहण में पाकिस्तान को भी बुलाया था, ताकि... पीएम मोदी ने खोली पड़ोसी देश की पोल

पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से खास बातचीत की। पीएम मोदी ने अपने बचपन से लेकर, आरआसएस से गहरे जुड़ाव और पाकिस्तान से भारत के हालिया सबंध समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। बताया कि पीएम बनने के बाद शपथ ग्रहण के लिए मैंने पाकिस्तान को भी आमंत्रण दिया था, ताकि शुभ शुरुआत हो सके, लेकिन हर अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला। हम आशा करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि मिलेगी और सुख-शांति की राह पर जाएंगे। वहां की आवाम भी काफी परेशान होगी।

पीएम मोदी ने बचपन की बातें बताईं

अमेरिकी पॉडकास्टर फ्रिडमैन से खास बातचीत में पीएम मोदी ने अपने बचपन की बातें बताते हुए कहा कि गरीबी उनके लिए कभी भी कठिनाई नहीं रही। उन्होंने बताया कि हालांकि वह गरीब थे, लेकिन उन्हें कभी भी अभाव का अहसास नहीं हुआ। एक किस्सा याद करते हुए उन्होंने बताया कि उनके चाचा ने एक बार उन्हें सफेद कैनवस जूते तोहफे में दिए थे, जिन्हें उन्होंने स्कूल से फेंके गए चॉक से पॉलिश किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन के हर पहलू को कृतज्ञता के साथ अपनाया और कभी भी गरीबी को संघर्ष के रूप में नहीं देखा।

पाकिस्तान को कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान की लंबे समय से जारी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली भूमिका पर निशाना साधा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब दुनिया को इस बात में कोई संदेह नहीं रह गया है कि आतंकवाद की जड़ें कहां हैं? प्रधानमंत्री ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवाद का केंद्र बनता रहा है, जिससे न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

संबंध सुधारने के प्रयास किए

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा कि भारत ने शांति स्थापित करने के लिए कई ईमानदार प्रयास किए हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान की ओर से दुश्मनी और हिंसा का ही सामना करना पड़ा। उन्होंने लाहौर यात्रा से लेकर अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित करने तक के प्रयासों का उल्लेख किया, जो दुर्भाग्यवश निष्फल रहे।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान की जनता एक ऐसे भविष्य की हकदार है जो हिंसा और भय से मुक्त हो। उन्होंने आशा जताई कि पाकिस्तान अपनी गलतियों से सीखे और सही मार्ग को अपनाए।

स्वामी विवेकानंद से प्रभावित

इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बताया कि बचपन में वह अक्सर गांव की लाइब्रेरी जाते थे और वहां स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ते थे, जिनकी शिक्षाओं ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद से यह सीखा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं, बल्कि दूसरों की निःस्वार्थ सेवा से आती है। पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद की एक घटना सुनाई, जिसमें स्वामी विवेकानंद ने श्री रामकृष्ण परमहंस से अपनी मां के इलाज के लिए मदद मांगी थी और परमहंस जी ने उन्हें देवी काली से मदद मांगने की सलाह दी। इस घटना ने विवेकानंद जी को यह समझाया कि जिस दिव्य शक्ति ने सब कुछ दिया है, उससे कुछ मांगने का अधिकार नहीं है। इसलिए मानवता की सेवा ही सबसे बड़ी भक्ति है।

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RSS से जुड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी ने संघ से अपने गहरे जुड़ाव पर बात करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस महान संगठन का हिस्सा बनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि संघ ने उन्हें जीवन का उद्देश्य और निःस्वार्थ सेवा के मूल्यों को सिखाया। पीएम मोदी ने संघ के कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि वह देशभर में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ के श्रमिक संघ और वामपंथी श्रमिक संघ के बीच फर्क यह है कि वामपंथी संघ कहता है 'दुनिया के श्रमिकों, एकजुट हो जाओ', जबकि संघ का श्रमिक संघ कहता है 'श्रमिकों, दुनिया को एकजुट करो', यह दोनों के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

पीएम मोदी से मुलाकात के सम्मान में 45 घंटे का उपवास

लेक्स फ्रिडमैन ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात के सम्मान में 45 घंटे तक केवल पानी पीकर उपवास रखा। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उपवास के फायदों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह हमारी इंद्रियों को तेज करता है, मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है और अनुशासन को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि उपवास केवल भोजन छोड़ने से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो पारंपरिक और आयुर्वेदिक प्रथाओं से जुड़ी है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उपवास से वह सुस्त महसूस नहीं करते, बल्कि इससे उन्हें अधिक ऊर्जा मिलती है और वह ज्यादा मेहनत करते हैं।

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