कौन है लश्कर का खूंखार शेख सज्जाद गुल, जिसके इशारे पर गांदरबल में 7 की टारगेट किलिंग
- टीआरएफ का चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड है। गुल के कहने पर ही उसके स्थानीय गुर्गों ने इस घटना को अंजाम दिया। यह पहली बार है जब कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एकसाथ निशाना बनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैएबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। रविवार को हुए इस अटैक में एक डॉक्टर समेत 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार टीआरएफ का चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड है। गुल के कहने पर ही उसके स्थानीय गुर्गों ने इस घटना को अंजाम दिया। यह पहली बार है जब कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एकसाथ निशाना बनाया गया है। मालूम हो कि सीनियर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी टीआरएफ का ही नाम आया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल 3 लोगों की पहचान की थी। हमले में शामिल 2 लोग साउथ कश्मीर के रहने वाले और तीसरा पाकिस्तानी नागरिक था।
लश्कर-ए-तैएबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ का गठन शेख सज्जाद गुल ने साल 2019 में किया। हालांकि, इस संगठन अस्तित्व में लाने की साजिश सीमा पार से चल रही थी। टीआरएफ लंबे समय से कश्मीर में सक्रिय है जिसके गुर्गों ने कश्मीरी पंडितों, सिखों और बाहरियों को टारगटे किया है। बीते एक-डेढ़ साल में इस गुट की रणनीति में बदलाव होता नजर आया है जिसने पहले कई कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी समूह की ओर से गांरदबल में हमले वाली जगह की बीते एक महीने से रेकी की जा रही थी। इस तरह पूरी प्लानिंग के साथ जिले के सोनमर्ग इलाके में कंस्ट्रक्शन साइट को निशाना बनाया गया। सूत्रों ने बताया कि इस टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए 2 से 3 आतंकवादियों को भेजा गया था।
शिविर लौटते मजदूरों पर अंधाधुंध गोलीबारी
गांरदबल जिले के गुंड इलाके में मजदूर रविवार देर शाम जब अपने शिविर में लौटे तब अज्ञात आतंकवादियों ने उनपर हमला कर दिया। उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें स्थानीय और बाहरी लोग दोनों शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि 2 श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 4 अन्य घायल श्रमिकों व एक डॉक्टर ने बाद में दम तोड़ दिया। 5 घायलों का इलाज जारी है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की है और हमलावरों की तलाश के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस बीच, आतंकवाद निरोधक इकाई और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 4 सदस्यीय टीम सोमवार दोपहर को घटनास्थल का दौरा करेगी। बताया जा रहा है कि एनआईए को इस हमले की जांच सौंपी जा सकती है।
गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाता रहा TRF
इसी साल, फरवरी में कश्मीर में 2 गैर-स्थानीय नागरिकों की हत्या हुई थी। एनआईए ने इस सिलसिले में TRF के 4 सदस्यों सहित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी के खिलाफ अगस्त में आरोप पत्र दायर किया। NIA की विज्ञप्ति के अनुसार, आरोपी आदिल मंजूर लंगू, अहरान रसूल डार उर्फ तोता, दाऊद और पाकिस्तानी आतंकवादी जहांगीर उर्फ पीर साहब के खिलाफ आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर हुआ। जम्मू स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने पहले ही फरार आरोपी जहांगीर उर्फ पीर साहब के खिलाफ खुला गैर-जमानती वारंट जारी किया है। टीआरएफ से संबंधित सभी 4 आरोपी 7 फरवरी की शाम को करफली मोहल्ला, शाला कदल, श्रीनगर में दो नागरिकों की हत्या में शामिल थे। एनआईए ने इस साल जून में मामले को अपने हाथ में लिया और फिर से मामला दर्ज किया था।