Hindi Newsदेश न्यूज़One Nation One Election bill be introduced tomorrow in the Lok sabha Sources

खत्म हुआ इंतजार, मंगलवार को लोकसभा में पेश होगा एक देश, एक चुनाव बिल

कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश करेंगे।पहले, इस बिल को 16 दिसंबर के कार्यसूची में सूचीबद्ध किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 Dec 2024 07:40 PM
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One Nation, One Election Bill: एक देश, एक चुनाव से जुड़ा बहुप्रतीक्षित बिल कल (मंगलवार, 17 दिसंबर) दोपहर लोकसभा में पेश किया जाएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों ने ये जानकारी दी है। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश करेंगे। पहले, इस बिल को 16 दिसंबर की कार्यसूची में सूचीबद्ध किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सरकार ने विधेयक की प्रतियां सांसदों को पहले ही वितरित कर दी हैं ताकि वे इसका अध्ययन कर सकें।

बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। अगर यह विधेयक 17 दिसंबर को पेश नहीं किया जाता है तो सरकार के पास इस सत्र में विधेयक पेश करने के लिए केवल तीन दिन ही शेष रहेंगे।चर्चा है कि सरकार बिल पेश करने के बाद इस पर आम सहमति बनाने के लिए इसे संयुक्त संसीद समिति को भेज सकती है।

अब खबरें आई हैं कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मंगलवार को संसद के निचले सदन में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को गत 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी।

मंत्रिमंडल ने दो मसौदा कानूनों को मंजूरी दी है, जिसमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव से जुड़ा है। संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए दो तिहाई बहुमत, जबकि दूसरे विधेयक के लिए सदन में सामान्य बहुमत की आवश्यकता होगी।

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हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराने का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन मंत्रिमंडल ने ‘‘फिलहाल’’ स्थानीय निकाय चुनावों के मुद्दे से दूरी रखने का निर्णय किया है।

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