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क्षेत्रीय आवाज और संघवाद कर देगा खत्म, एक देश, एक चुनाव के खिलाफ CM स्टालिन ने बोला हल्ला

मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसके खिलाफ लोगों को आवाज उठाने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि इससे संघवाद खत्म हो जाएगा और क्षेत्रीय आवाज दबा दी जाएगी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 12 Dec 2024 06:07 PM
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने एक देश, एक चुनाव पर केंद्रीय कैबिनेट से पारित प्रस्ताव के खिलाफ हल्ला बोला है और कहा है कि यह कदम क्षेत्रीय आवाज को मिटाने वाला और संघवाद को खत्म करने वाला है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसके खिलाफ लोगों को आवाज उठाने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में कठोर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक' पेश करने को मंजूरी दे दी है। यह अव्यावहारिक और लोकतंत्र विरोधी कदम है, जो क्षेत्रीय आवाजों को मिटा देगा और संघवाद को खत्म कर देगा और शासन को बाधित करेगा। उठो भारत! आइए हम अपनी पूरी ताकत से भारतीय लोकतंत्र पर इस हमले का विरोध करें!”

इससे पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ व्यवस्था लागू करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दिये जाने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार चुनावी शुचिता पर उठ रहे सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी और मसौदा कानून मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी के रुख में कुछ बदलाव नहीं हुआ है। खरगे ने समिति को इस साल 17 जनवरी को पत्र लिखकर ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का पुरजोर विरोध किया था। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बृहस्पतिवार को कहा कि पहले भी उनकी पार्टी ने चुनाव, चुनावी प्रणाली और चुनावी शुचिता से संबंधित कई सवाल उठाए हैं।

गोगोई ने कहा, ‘‘अब इस विधेयक को आने दीजिए, देखते हैं कि वे क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हमने पहले भी कहा है कि इस विधेयक के माध्यम से हमारे देश के संघीय चरित्र पर प्रभाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कई चिंताएं हैं।’’ उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी अपनी बात पर कायम नहीं रहे हैं, वह ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करते हैं लेकिन जब यह उनके लिए उपयुक्त होता है तो वह हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव अलग-अलग कराते हैं। वह गुजरात के चुनाव अलग से करवाते हैं।’’

गोगोई का कहना था कि भारत के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और समझते हैं कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के संबंध में चुनाव आयुक्तों की भूमिका और उनकी नियुक्ति जैसे कई बड़े सवाल उठाए जाने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे केवल उन सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं जो हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली की चुनावी शुचिता के संबंध में लोगों के मन में उठ रहे हैं।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)

 

 

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