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बुलडोजर ऐक्शन में गलती मिली तो सैलरी से जुर्माना भरेंगे अफसर, SC ने बताए 10 नियम

  • बिना कारण बताओ नोटिस के बुलडोजर ऐक्शन की अनुमति नहीं है। नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाना चाहिए तथा ध्वस्त किए जाने वाली इमारत के बाहर भी चस्पा होना चाहिए। कोई भी कार्रवाई करने से पहले नोटिस की तिथि से कम से कम 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Nov 2024 02:03 PM
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बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है और देश भर के लिए गाइडलाइंस तय कर दी है। अदालत ने बुधवार को इस संबंध में फैसला देते हुए कहा कि किसी का भी घर सालों की मेहनत से बनता है और हर किसी का सपना होता है। इसलिए किसी के घर को आरोपी या दोषी होने पर ढहा देना गलता है और मूल अधिकार का उल्लंघन है। अदालत ने आर्टिकल 142 के तहत व्यवस्था देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए नियम तय कर दिए हैं। देश के किसी भी हिस्से में बुलडोजर ऐक्शन से पहले उनका पालन करना होगा। पढ़ें, 10 नियम...

1. यदि निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया जाता है तो इसके विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए। यदि गलत ऐक्शन हुआ तो संबंधित अधिकारियों को नुकसान की भरपाई अपनी सैलरी से करनी होगी।

2. बिना कारण बताओ नोटिस के बुलडोजर ऐक्शन की अनुमति नहीं है। नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाना चाहिए तथा ध्वस्त किए जाने वाली इमारत के बाहर भी चस्पा होना चाहिए। कोई भी कार्रवाई करने से पहले नोटिस की तिथि से कम से कम 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए।

3. नोटिस में उस कारण का उल्लेख होना चाहिए, जिसके चलते बुलडोजर ऐक्शन का फैसला लिया गया। इसके अलावा सुनवाई का मौका देना चाहिए और यह तिथि नोटिस में ही रहनी चाहिए, जिसमें प्रभावित लोग व्यक्तिगत सुनवाई में अपनी बात रख सकें।

4. ऐसा न हो कि किसी को पिछली तारीख से नोटिस जारी कर दिया जाए और उसे बाद में सूचना दी जाए। इसलिए जैसे ही नोटिस जारी हो तो उसकी जानकारी डीएम को भी मिलनी चाहिए। यह सूचना ईमेल की जा सकती है। य़ही नहीं यह ईमेल मिल गया है। इसका प्रत्युत्तर भी डीएम कार्यालय से आना चाहिए। बुलडोजर ऐक्शन पर डीएम ही नोडल अधिकारी होंगे।

5. तीन महीने के भीतर एक डिजिटल पोर्टल बनाया जाए। इस पोर्टल पर ध्वस्तीकरण के सारे नोटिस अपलोड हों। उस संबंध में सभी आदेशों को वहां प्रदर्शित किया जाए।

6. नोटिस पाने वाले को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका मिलेगा। वह जब पेश होगा तो सुनवाई की मिनटवार रिकॉर्डिंग होगी।

7. अंतिम आदेश पारित होने पर बताया जाए कि क्या यह अपराध समझौता योग्य है। या फिर यदि कोई एक हिस्सा ही अवैध है तो फिर इमारत पर बुलडोजर चलाने की क्या जरूरत है। इस संबंध में पूरी जानकारी पोर्टल पर देनी होगी।

8. आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाना चाहिए। संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए कदम तभी उठाए जा सकते हैं, जब 15 दिन की यह अवधि बीत जाने के बाद भी व्यक्ति द्वारा अवैध निर्माण को हटाया न गया हो। केवल वही निर्माण ध्वस्त किया जाएगा जो अनधिकृत पाया गया हो और समझौता योग्य न हो।

9. ऐक्शन से पहले संबंधित अधिकारी द्वारा दो पंचों (गवाहों) द्वारा हस्ताक्षरित एक विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

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10. निर्माण गिराने की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जानी है। वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखना है। एक रिपोर्ट तैयार की जाए, जिसमें यह दर्ज किया जाएगा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में किन अधिकारियों/पुलिस अधिकारियों/सिविल कर्मियों ने भाग लिया और संबंधित नगर आयुक्त को भेजी जानी है। यह रिपोर्ट डिजिटल पोर्टल पर भी प्रदर्शित की जानी है।

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