अब सीपीएम में हावी होगी केरल लॉबी! कौन हैं MA बेबी, जो ले सकते हैं सीताराम येचुरी की जगह
- सीताराम येचुरी का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में ही समाप्त होने वाला था। इसके बाद यूं भी किसी और नेता को चुना जाना था, लेकिन अब उससे पहले ही इस पर मंथन करना होगा। अब तक जिन नामों की चर्चा हो रही है, उनमें केरल के एमए बेबी और ए. विजयराघवन के नाम आगे चल रहे हैं।
सीपीएम के दिग्गज नेता और महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। उनकी मौत के साथ ही वामपंथी राजनीति ने एक बड़े नेता को खो दिया है। येचुरी की मौत के बाद सीपीएम के लिए उनका विकल्प खोजना भी एक चुनौती होगा। सीताराम येचुरी केरल से लेकर दिल्ली तक एक चर्चित चेहरा थे और राष्ट्रीय राजनीति में वामपंथी दलों की प्रासंगिकता के लिहाज से उनकी अहमियत थी। ऐसे में सीपीएम में उनके विकल्प की खोज चल रही है। सूत्रों के अनुसार अगले एक सप्ताह के भीतर सीताराम येचुरी के उत्तराधिकारी को लेकर फैसला लिया जा सकता है।
सीताराम येचुरी का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में ही समाप्त होने वाला था। इसके बाद यूं भी किसी और नेता को चुना जाना था, लेकिन अब उससे पहले ही इस पर मंथन करना होगा। अब तक जिन नामों की चर्चा हो रही है, उनमें केरल के एमए बेबी और ए. विजयराघवन के नाम आगे चल रहे हैं। वहीं पोलित ब्यूरो के कुल 17 मेंबरों में वृंदा करात, प्रकाश करात और माणिक सरकार जैसे नेता भी हैं, जिनकी उम्र अब 75 से अधिक है। सीपीएम में यह नियम भी बताया जाता है कि 75 साल से अधिक आयु के नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी नहीं मिलनी चाहिए।
पोलित ब्यूरो में शामिल नेताओं में बंगाल के तपन सेन, आंध्र के बीवी राघवलु और केरल के एमए बेबी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 75 से कम है। कहा जा रहा है कि सीपीएम में केरल लॉबी ही मजबूत है क्योंकि राज्य में पार्टी की सरकार है। इसके अलावा बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में वामपंथी दल अब कमजोर स्थिति में हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि केरल लॉबी के नेता एमए बेबी को ही कमान दी जा सकती है।
एमए बेबी दशकों से सीपीएम के नेता हैं और 40 साल पहले वह छात्र संगठन एसएफआई के ऑल इंडिया प्रेसिडेंट थे। उनके पद से इस्तीफा देने के बाद ही सीताराम येचुरी को कमान मिली थई। अब येचुरी के निधन के बाद एमए बेबी उनकी जगह पर पार्टी के महासचिव बन सकते हैं। पोलित ब्यूरो में केरल के सीएम पिनराई विजयन, एमवी गोविंदन और ए. विजयराघवन भी पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं, जो प्रभावशाली हैं। ऐसे में पूरे कयास हैं कि केरल लॉबी से ही पार्टी को अगला महासचिव मिल सकता है।
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