सीताराम येचुरी के देहांत के बाद लेफ्ट नेता ने तोड़ी कसम, 2 साल बाद इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे
- जयराजन ने जुलाई 2022 में उस समय इंडिगो की फ्लाइट से यात्रा नहीं करने का फैसला किया था जब विमान में हाथापाई की घटना में शामिल होने के कारण उन पर तीन सप्ताह का प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस फ्लाइट में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी सवार थे।
सीताराम येचुरी के देहांत के बाद एक लेफ्ट नेता ने अपनी उस कसम को तोड़ दिया है, जिसमें उन्होंने इंडिगो की फ्लाइट से कभी यात्रा नहीं करने का फैसला किया था। करीब दो साल पहले एलडीएफ के पूर्व संयोजक ईपी जयराजन ने यह फैसला किया था। लेकिन येचुरी की मौत की खबर सुनते ही गुरुवार रात वह करीपुर हवाई अड्डे से इंडिगो की फ्लाइट से वह दिल्ली पहुंचे।
जयराजन ने जुलाई 2022 में उस समय इंडिगो की फ्लाइट से यात्रा नहीं करने का फैसला किया था जब विमान में हाथापाई की घटना में शामिल होने के कारण उन पर तीन सप्ताह का प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस फ्लाइट में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी सवार थे।
माकपा नेता ने कहा कि उन्होंने दिवंगत पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए जल्दी दिल्ली पहुंचने के लिए इंडिगो का टिकट कटाया। जयराजन ने कहा कि येचुरी हर चीज से बड़े हैं। मेरा जल्दी दिल्ली पहुंचना दो साल पहले एयरलाइन के बारे में मैंने जो फैसला किया था उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
आपको बता दें कि 13 जून 2022 को दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कन्नूर से इंडिगो विमान के अंदर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए। विमान में सवार जयराजन ने कथित तौर पर दोनों प्रदर्शनकारियों को धक्का देकर किनारे कर दिया।
इसके बाद एयरलाइन ने सीपीआई(एम) नेता पर तीन सप्ताह का प्रतिबंध लगा दिया और विमान में सवार सीएम के खिलाफ नारे लगाने वाले दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दो सप्ताह के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इस अवधि में वे इंडिगो की फ्लाइट से यात्रा नहीं कर सकते थे।
एयरलाइन के फैसले के बाद उन्होंने कहा था न तो वह और न ही उनका परिवार कभी भी इंडिगो से यात्रा करेगा। इंडिगो की राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी फ्लाइट से यात्रा नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपने जीवन में कभी भी इंडिगो की उड़ान पर सवार होने के बजाय अपने गंतव्य तक पैदल जाना पसंद करेंगे।
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोने की तस्करी के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। घटना के सिलसिले में दो प्रदर्शनकारियों और एक अन्य युवा कांग्रेस सदस्य पर केरल पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।