Hindi Newsदेश न्यूज़no condolence meeting in memory of Pranab Mukherjee Sharmishtha lashes out at Congress for demanding memorial

प्रणब मुखर्जी के लिए शोक सभा तक नहीं; मनमोहन सिंह के वास्ते मांग रही जमीन; कांग्रेस पर भड़कीं शर्मिष्ठा

  • डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में 27 दिसंबर को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। खरगे ने प्रधानमंत्री से उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए एक स्मारक बनाने की अपील की थी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 28 Dec 2024 09:50 AM
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग से स्मारक बनाने की मांग पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कड़ी आलोचना की है। शर्मिष्ठा ने कहा कि जब उनके पिता (प्रणब मुखर्जी) का 2020 में निधन हुआ था, तब कांग्रेस नेतृत्व ने न तो कोई शोक सभा आयोजित की और न ही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुलाई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में उन्हें गुमराह किया था।

आपको बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में 27 दिसंबर को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। खरगे ने प्रधानमंत्री से उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए एक स्मारक बनाने की अपील की थी।

शर्मिष्ठा ने बताया कि एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने उन्हें यह बताया था कि भारत के राष्ट्रपति के लिए शोक सभा का आयोजन नहीं किया जाता है। उन्होंने इसे पूरी तरह बेतुका और निराधार करार दिया और कहा कि वह अपने पिता के डायरी में पढ़ चुकी हैं कि जब पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन का निधन हुआ था, तो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश खुद प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।

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इसके अलावा शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सीआर केसवन के एक पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें यह बताया गया था कि कांग्रेस ने पार्टी के अन्य नेताओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे।

इस मुद्दे पर डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे डॉ. संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पुस्तक का भी उल्लेख किया गया, जिसमें यह जिक्र किया गया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हो गया था। पुस्तक में यह भी दावा किया गया था कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के दाह संस्कार को दिल्ली में करने के बजाय हैदराबाद में करने की कोशिश की थी।

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