निगम बोध घाट पर आज होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार, कांग्रेस की मांग- जहां अंत्येष्टि, वहीं स्मारक
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार आमने-सामने है। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्रियों की तरह राजघाट के पास अंतिम संस्कार के लिए जमीन की मांग की थी, जहां बाद में उनका स्मारक भी बनाया जाए। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट की जगह तय किया है। साथ ही कहा कि स्मारक के लिए जल्द ही जमीन का आवंटन कर दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है, इस बीच मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनका एक स्मारक बन सके। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए सरकार द्वारा स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है।
गृह मंत्रालय ने कहा था कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर दोपहर 12 बजे के करीब किया जाएगा।
पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान: कांग्रेस
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए सरकार द्वारा स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके।"
उन्होंने कहा, "हमारे देश के लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत सरकार उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए कोई ऐसा स्थान क्यों नहीं खोज सकी जो उनके वैश्विक कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों के रिकॉर्ड और दशकों से राष्ट्र के लिए अनुकरणीय सेवा के अनुरूप हो।" रमेश ने आरोप लगाया कि यह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जानबूझकर किया गया अपमान है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि सिंह के अंतिम संस्कार तथा स्मारक के लिए विशेष जगह आवंटित कर यादगार स्मारक बनाया जाए जिससे आने वाली युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व के बारे में जान सके एवं उनसे प्रेरणा ले सके।
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी से आधुनिक समय के सबसे महान सिखों में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को, राष्ट्र में उनके महान योगदान के अनुरूप एक स्मारक बनाकर सम्मानित करने का आग्रह करता हूं।’’
कुछ विपक्षी दलों ने इस विषय को लेकर सरकार पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इस विषय पर न किसी राजनीति की आवश्यकता है, न होनी चाहिए तथा डॉ. मनमोहन सिंह जी की समाधि राजघाट पर ही बननी चाहिए। उन्होंने दावा किया, "भाजपा अपनी संकीर्ण सोच का अनुचित उदाहरण प्रस्तुत न करे। इतिहास भाजपा को उसके इस नकारात्मक नजरिये के लिए कभी माफ़ नहीं करेगा।"
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "देश के पूर्व प्रधानमंत्री, महान अर्थशास्त्री और सिख समाज से आने वाले देश के एक मात्र प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट पर जगह नहीं देना मोदी सरकार की छोटी और ओछी सोच को दर्शाता है।" उन्होंने दावा किया, "इस घटियापन के लिये देश आपको कभी माफ नही करेगा, भाजपाइयों।"