महाराष्ट्र में 50 सीटों पर जोड़े गए 50 हजार मतदाता? चुनाव आयोग ने दिए कांग्रेस के हर सवालों के जवाब
- ईसीआई ने बताया कि मतदान दिनांक पर वोटर टर्नआउट डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से होती है और शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक के दौरान वोटर टर्नआउट में वृद्धि सामान्य है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों पर निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक बार फिर से सफाई दी है। इस बार चुनाव आयोग ने सवालों का विस्तृत जवाब देते हुए सभी भ्रमों को स्पष्ट किया है। आयोग ने वोटर टर्नआउट डेटा, मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया, और मतदान के दिन ही आंकड़ों की गणना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
वोटर टर्नआउट डेटा पर आयोग की सफाई
आयोग ने कांग्रेस की इस चिंता को खारिज कर दिया कि मतदान के बाद 5 बजे के वोटर टर्नआउट डेटा और अंतिम मतदान डेटा में अंतर असामान्य है। ईसीआई ने बताया कि मतदान दिनांक पर वोटर टर्नआउट डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से होती है और शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक के दौरान वोटर टर्नआउट में वृद्धि सामान्य है। आयोग ने स्पष्ट किया कि फॉर्म 17सी मतदान के समय पोलिंग बूथ पर उपस्थित उम्मीदवारों के एजेंट्स को उपलब्ध कराया जाता है। यही फॉर्म मतदान के वास्तविक आंकड़ों का एकमात्र आधिकारिक और स्थायी स्रोत है।
मतदाता सूची पर कांग्रेस के आरोपों का खंडन
कांग्रेस द्वारा मतदाता सूची में अनियमितताओं और अतिरिक्त 50,000 मतदाताओं के जुड़ने के आरोप को ईसीआई ने तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया। आयोग ने कहा कि केवल 6 विधानसभा क्षेत्रों में 50,000 से अधिक मतदाताओं की वृद्धि हुई है, न कि 50 क्षेत्रों में, जैसा कि कांग्रेस ने दावा किया था। आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई मनमाने वोट न तो जोड़े गए और न ही घटाए गए।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को ठोस तथ्यों के साथ जवाब दिया कि जुलाई से नवंबर 2024 के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों में 50000 मतदाताओं के औसत जुड़ने की उसकी शिकायत तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। इन सीटों में 47 महायुति गठबंधन ने जीती थीं। आयोग ने कहा कि तथ्य यह है कि केवल 6 विधानसभाओं में इस अवधि के दौरान 50,000 से अधिक मतदाताओं की कुल वृद्धि हुई थी। इसलिए इस आधार पर 47 एसी में जीतने का सवाल ही नहीं उठता। अच्छी तरह से तैयार की गई प्रणाली का विवरण देते हुए, चुनाव आयोग ने जोर दिया कि सख्त वैधानिक योजना यह सुनिश्चित करती है कि मतदाताओं को हटाने और जोड़ने का काम हर स्तर पर राजनीतिक दलों की पूरी भागीदारी के साथ नियमों के अनुसार सख्ती से किया जाता है।
आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र में नाम हटाने में कोई अनियमित पैटर्न नहीं है। कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को दिए अपने जवाब में बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में कोई बड़ी संख्या में नाम हटाने या असामान्य तरीके से नाम हटाने का मामला नहीं देखा गया। कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद मृत्यु/स्थानांतरण और डुप्लिकेट प्रविष्टियों के कारण प्रति विधानसभा क्षेत्र औसतन 2779 मतदाताओं का नाम हटाया गया।
पारदर्शिता और नियम-आधारित प्रक्रिया पर जोर
निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने और उसमें संशोधन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और नियमों के अनुरूप होती है। इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और जनता की पूरी भागीदारी सुनिश्चित की जाती है। ईसीआई ने यह भी बताया कि सभी संशोधन और आंकड़े सीईओ महाराष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। ईसीआई ने कांग्रेस को सूचित किया कि पार्टी द्वारा मांगे गए सभी डेटा, महाराष्ट्र के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से संबंधित और फॉर्म 20 सीईओ महाराष्ट्र की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और उन्हें डाउनलोड किया जा सकता है।
राजनीतिक दलों की भूमिका को रेखांकित किया
निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को यह भी बताया कि चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी होती है। आयोग ने "रोल टू पोल" प्रक्रिया के अंतर्गत लगभग 60 उदाहरणों का हवाला दिया, जहां राजनीतिक दल या उम्मीदवारों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
वोटर टर्नआउट और FAQs पर विस्तृत जानकारी
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर टर्नआउट ट्रेंड्स अपडेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला VTR ऐप केवल एक सहायक माध्यम है। वास्तविक और अंतिम आंकड़े केवल फॉर्म 17सी से लिए जाते हैं। इसके अलावा, ईसीआई ने मतदाता सूची और मतदान प्रक्रिया को बेहतर समझाने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) को भी सार्वजनिक किया है।
निर्वाचन आयोग की पारदर्शिता और विश्वास का संदेश
निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उसकी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी, सहभागी और विश्वसनीय है। आयोग ने राजनीतिक दलों से रचनात्मक सुझावों का स्वागत करते हुए चुनाव प्रक्रिया को और बेहतर बनाने का आह्वान किया।