Hindi Newsदेश न्यूज़NGT sends notice to Center on use of invasive fish species for mosquito control in states

मच्छरों पर काबू पाने के लिए मछलियों का हो रहा इस्तेमाल; एनजीटी क्यों चिंतित, केंद्र को नोटिस

  • एनजीटी ने मछलियों की 2 प्रजातियों गम्बूसिया एफिनिस (मस्कीटोफिश) और पोसिलिया रेटिकुलता (गुप्पी) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। इन मछलियों को विभिन्न राज्यों में मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए जलाशयों में छोड़ा जा रहा है।

Niteesh Kumar भाषाSun, 2 Feb 2025 01:44 PM
share Share
Follow Us on
मच्छरों पर काबू पाने के लिए मछलियों का हो रहा इस्तेमाल; एनजीटी क्यों चिंतित, केंद्र को नोटिस

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने मच्छर नियंत्रण के लिए आक्रामक मछली प्रजातियों के इस्तेमाल पर केंद्र को नोटिस भेजा है। दरअसल, मच्छरों पर काबू पाने के लिए मछलियों की 2 अत्यधिक आक्रामक और विदेशी प्रजातियों को ‘जैविक एजेंट’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, इसके चलते कुछ समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं। एनजीटी ने मछलियों की दो प्रजातियों ‘गम्बूसिया एफिनिस’ (मस्कीटोफिश) और ‘पोसिलिया रेटिकुलता’ (गुप्पी) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। इन मछलियों को विभिन्न राज्यों में मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए जलाशयों में छोड़ा जा रहा है।

ये भी पढ़ें:मच्छर भगाने की अगरबत्ती से घर में लगी आग, दो भाइयों की दर्दनाक मौत
ये भी पढ़ें:घर के आसपास भी नहीं दिखाई देंगे मच्छर, सरसों के तेल का ऐसे करें इस्तेमाल

याचिका में कहा गया कि ‘मस्कीटोफिश’ को एकत्र कर उन्हें जलाशयों में छोड़ने वाले राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। गुप्पी प्रजाति की मछलियों को महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब और ओडिशा में छोड़ा गया था। याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण ने मछलियों की इन 2 प्रजातियों को आक्रामक और विदेशी घोषित किया है। इन्होंने स्थानीय जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिससे देशी मछली प्रजातियों के लिए भोजन की कमी हो रही है।

मस्कीटोफिश सबसे आक्रामक विदेशी प्रजातियों में से एक

याचिका में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों की ओर से मस्कीटोफिश पर लगाए गए प्रतिबंध का भी उल्लेख किया गया है। याचिका में ‘इनवेसिव स्पीशीज स्पेशलिस्ट ग्रुप’ की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार, मस्कीटोफिश दुनिया की 100 सबसे खराब आक्रामक विदेशी प्रजातियों में से एक है। एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य सेंथिल वेल की पीठ ने 24 जनवरी के अपने आदेश में कहा, ‘प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करें।’ इस मामले के प्रतिवादियों में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र शामिल हैं। मामले में अगली सुनवाई छह मई को होगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें