Hindi Newsदेश न्यूज़mk stalin proposal on delimitation to pm modi use 1971 population data

लोकसभा सीटें घटने का डर दिखा स्टालिन ने जुटाए 35 दल, PM मोदी को दिया अटल वाला फॉर्मूला

  • प्रस्ताव में मोदी से मांग की गई है कि परिसीमन के लिए 1971 की जनगणना के अनुपात को ही आधार माना जाए। उसके आधार पर ही लोकसभा सीटें तय हों और यह सीमा अगले 30 सालों के लिए बरकरार रखी जाए। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि दक्षिण भारत के अलावा अन्य राज्यों को भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चेन्नैWed, 5 March 2025 03:11 PM
share Share
Follow Us on
लोकसभा सीटें घटने का डर दिखा स्टालिन ने जुटाए 35 दल, PM मोदी को दिया अटल वाला फॉर्मूला

लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर बुधवार को तमिलनाडु में सीएम एमके स्टालिन के नेतृत्व में 35 दलों की मीटिंग हुई। इस बैठक में स्टालिन ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर सभी ने एकमत से सहमति जताई। इस प्रस्ताव में पीएम मोदी से मांग की गई है कि परिसीमन के लिए 1971 की जनगणना के अनुपात को ही आधार माना जाए। उसके आधार पर ही लोकसभा सीटें तय हों और यह सीमा अगले 30 सालों के लिए बरकरार रखी जाए। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि दक्षिण भारत के अलावा अन्य राज्यों को भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस मीटिंग में मुख्य विपक्षी दल AIADMK के नेता भी मौजूद रहे। इस प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करना चाहिए और यह तय किया जाए कि यदि सांसदों की संख्या बढ़ती है तो उसका अनुपात वर्तमान जैसा ही हो।

उनकी स्पष्ट मांग थी कि यदि नई जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाकर परिसीमन हुआ और सीटें बढ़ती हैं तो फिर उसका अनुपात वही रहे, जो फिलहाल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों के साथ ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए उनकी सीटें कम हो और उनकी राजनीतिक ताकत भी घट जाए। उनकी बैठक में भाजपा के अलावा 4 अन्य छोटे दलों के नेता नहीं पहुंचे। भाजपा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है औऱ उससे ध्यान हटाने के लिए एमके स्टालिन परिसीमन वाला कार्ड खेल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई और होम मिनिस्टर अमित शाह तो दोहरा चुके हैं कि दक्षिण भारत के राज्यों की सीटें कम नहीं होंगी।

सीएम स्टालिन ने एक बार फिर से कहा कि सांसदों की संख्या बढ़ने से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमारी ताकत में कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो लोगों ने फैमिली प्लानिंग की है। इसके बाद हमें उसकी सजा मिले तो यह अन्याय ही है। प्रस्ताव में कहा गया, ‘सभी राज्यों में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में भरोसा दिया था कि 1971 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार ही परिसीमन किया जाए। अब पीएम मोदी को भी ऐसा भरोसा देना चाहिए कि 2026 से अगले 30 सालों तक लोकसभा सीटों के परिसीमन का यही पैमाना बना रहेगा।’

ये भी पढ़ें:झूठ फैला रहे अमित शाह; परिसीमन को लेकर गृहमंत्री के आश्वासन पर कर्नाटक CM का तंज
ये भी पढ़ें:दक्षिण के राज्यों का नुकसान होगा, BJP की सहयोगी TDP ने भी परिसीमन पर उठाए सवाल
ये भी पढ़ें:नई सीटों के साथ होगा अगला लोकसभा चुनाव! जनगणना के तुरंत बाद हो सकता है परिसीमन

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोग परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह ऐसा न हो कि हमारे लिए सजा बन जाए। हमने बहुत सी कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। परिवार नियोजन किया है और महिलाएं सशक्त हुई हैं। इसके कारण हमारे यहां आबादी बेतहाशा नहीं बढ़ी है और इसकी एवज में हमें फायदे की बजाय नुकसान हो तो यह गलत बात होगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें