दक्षिण के राज्यों का नुकसान होगा, बीजेपी की सहयोगी टीडीपी ने भी परिसीमन पर उठाए सवाल
- केंद्र और राज्य में बीजेपी की सहयोगी टीडीपी ने लोकसभा में कहा कि अगर जनसंख्या आधारित परिसीमन करवाया जाता है तो इससे दक्षिणी राज्यों को नुकसान होगा।
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बीजेपी के सहयोगी दल टीडीपी सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायल ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि अलगे परिसीमन से दक्षिण के राज्यों को नुकसान होने वाला है। उन्होंने कहा कि परिसीमन का लाभ उत्तर भारत को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया होती है तो यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रदेशों में लोकसभा सीटों की संख्या 169 से बढ़कर 324 हो जाएगी। वहीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में केवल 129 से 164 सीटें हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि एक संघ के हित के लिए यह सही नहीं है। जिन राज्यों में जनसंख्या कम हुई है उन्हें भी परिसीमन का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पास हुए विधेयकों की मंजूरी की भी सीमा नहीं तय करनी चाहिए। दरअसल अगलो लोकसभा चुनाव 2029 में होना है और इसे बढ़ी हुई सीटों के साथ कराने का प्लान तैयार किया जा रहा है। परिसीमन कानून के मुताबिक 2026 तक लोकसभा की सीटें नहीं बढ़ाई जा सकतीं। इसके बाद जनगणना के आधार पर परिसीमन करवाया जा सकता है। संभवना है कि 2027 की जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इससे पहले 2008 में लोकसभा सीटों का परिसीमन किया गया था। पहले माना जा रहा था कि 2031 में जनगणना के बाद ही परिसीमन होगा। हालांकि अगर 2021 वाली जनगणना 2027 में कराई जाती है तो इसके बाद परिसीमन किया जा सकेगा। माना जा रहा है कि 2029 में लोकसभा सीटों की संख्या 543 से बढ़कर साढ़े सात सौ के करीब हो जाएंगी।