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मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए तय हुई जगह, प्रणब मुखर्जी के ठीक बगल में बनेगा; कितना फंड देगी सरकार

  • मनमोहन सिंह के परिवार की ओर से ट्रस्ट बनाने का इंतजार सरकार की ओऱ से किया जा रहा है। इसके बाद आधिकारिक तौर पर जमीन का आवंटन होगा। सीएनएन न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट को सरकार की तरफ से 25 लाख रुपये की रकम भी दी जाएगी। इस राशि को स्मारक के निर्माण में खर्च किया जाएगा।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 4 Feb 2025 02:19 PM
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मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए तय हुई जगह, प्रणब मुखर्जी के ठीक बगल में बनेगा; कितना फंड देगी सरकार

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए सरकार की ओर से जमीन का ऑफर उनके परिवार को दिया गया है। यह जमीन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक बनने के लिए तय भूमि के पास ही आवंटित की गई है। इस मामले में मनमोहन सिंह के परिवार की ओर से ट्रस्ट बनाने का इंतजार सरकार की ओऱ से किया जा रहा है। इसके बाद आधिकारिक तौर पर जमीन का आवंटन होगा। सीएनएन न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट को सरकार की तरफ से 25 लाख रुपये की रकम भी दी जाएगी। इस राशि को स्मारक के निर्माण में खर्च किया जाएगा। मनमोहन सिंह के निधन के बाद से ही सरकार जमीन की तलाश में थी। इसके लिए सर्वे भी किया गया था। शहरी विकास मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी ने मिलकर मनमोहन सिंह स्मारक के लिए जमीन का फैसला लिया है।

यह भूमिका राष्ट्रीय स्मृति स्थल के तहत आती है, जिसे यूपीए सरकार ने 2013 में एक प्रस्ताव लाकर निर्धारित किया था। इसी परिसर के तहत अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मारक है। जनवरी की शुरुआत में सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा किया था और संजय गांधी की समाधि के पास ही जमीन देने की बात हुई थी। खबर है कि कुछ जगहों का प्रस्ताव मनमोहन सिंह के परिवार को दिया था, जिनमें से एक पर अब सहमति बन गई है। मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार पर भी राजनीति छिड़ गई थी। मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खरगे ने होम मिनिस्टर अमित शाह को पत्र लिखा था।

इसमें उन्होंने मांग की थी कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर कराया जाए, जहां उनका स्मारक बन सके। इस पर सरकार का जवाब था कि हम स्मारक के लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। अन्य सभी नेताओं की तरह उनका भी स्मारक अच्छे से बनाया जाएगा। हालांकि उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया था। इस पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने आपत्ति जताई थी। लेकिन सरकार का कहना था कि पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। जहां स्मारक बनना है, वहीं पर अंतिम संस्कार करना संभव नहीं था क्योंकि अभी जगह की तलाश की जानी है। कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, अकाली दल जैसे नेताओं ने भी आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी स्मृतियों का अपमान किया गया है।

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