Hindi Newsदेश न्यूज़Man arrested last month for hoax bomb alert on IndiGo flight turns out to be IB officer Raipur Police

नागपुर-कोलकाता इंडिगो फ्लाइट में बम की झूठी खबर देने वाला शख्स निकला IB का अफसर

आरोपी अनिमेष मंडल के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उनके मुवक्किल ‘आईबी’ में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं, जो नागपुर में तैनात हैं तथा वह निर्दोष हैं। रिजवी का कहना था कि वह सूचना साझा करने का अपना काम कर रहे थे।

Pramod Praveen भाषा, रायपुरTue, 10 Dec 2024 04:52 PM
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पिछले महीने नागपुर से कोलकाता जाने वाली इंडिगो की उड़ान में बम होने की अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की पहचान खुफिया ब्यूरो (आईबी) के एक अधिकारी के रूप में हुई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर को अनिमेष मंडल नामक व्यक्ति ने चालक दल को विमान में 'बम' होने की जानकारी दी थी जिसके बाद विमान को छत्तीसगढ़ के रायपुर हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतारा गया था। विमान में 187 यात्री सवार थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विमान की जांच के बाद बम की धमकी झूठी निकली, जिसके बाद मंडल को कथित तौर पर गलत सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।

मंडल के वकील फैजल रिजवी ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मुवक्किल ‘आईबी’ में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं, जो नागपुर में तैनात हैं तथा वह निर्दोष हैं। रिजवी का कहना था कि वह सूचना साझा करने का अपना काम कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि स्थानीय पुलिस और आईबी की संयुक्त दल ने मंडल से पूछताछ की थी और उनके द्वारा साझा की गई जानकारी फर्जी पाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

रिजवी ने कहा कि 14 नवंबर को विमान में सवार होने के बाद मंडल को अपने स्रोत से बम के बारे में जानकारी मिली, जिसे उन्होंने विमान के चालक दल के सदस्यों को बताया था। उन्होंने सवाल किया कि जब मंडल को गिरफ्तार किया गया तो पुलिस को यह क्यों नहीं बताया कि वह आईबी के अधिकारी हैं। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस ने उसी दिन आईबी को सूचित कर दिया था तथा आईबी और पुलिस द्वारा संयुक्त पूछताछ के बाद मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया।

सिंह ने कहा, “मंडल ने खुद को आईबी का अधिकारी बताते हुए चालक दल के सदस्यों को विमान में बम के बारे में बताया था। विमान के उतरने के बाद विमान की जांच की गई और कुछ नहीं मिला। पुलिस ने आईबी अधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी दी, जिसके बाद वे पहुंचे तथा मंडल से आईबी और पुलिस ने संयुक्त रूप से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मंडल की जानकारी फर्जी पाई गई। इसलिए उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार कर लिया गया।”

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उन्होंने कहा कि मंडल ने यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान को खतरे में डालकर दहशत फैलाई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 (4) और ‘नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन’ अधिनियम, 1982 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए संबंधित अदालत की आवश्यकता होती है, जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल उच्च न्यायालय का रुख करेंगे, जिसके पास ऐसे मामलों की सुनवाई करने का अंतर्निहित अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे जमानत और मामले को स्थानांतरित करने की मांग करेंगे।

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