'इंदिरा भवन' में मनमोहन सिंह के नाम पर लाइब्रेरी, आंबेडकर और नरसिम्हा राव के योगदान को भी सहेजा
- अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय '9ए कोटला मार्ग' पर बनाया गया है। इस भवन में एक भव्य पुस्तकालय (लाइब्रेरी) बनाया गया है जिसका नामकरण 'डॉक्टर मनमोहन सिंह पुस्तकालय' किया गया है।
कांग्रेस ने अपने नए मुख्यालय का नाम भले ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है, लेकिन उसने इसमें पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक के ऐतिहासिक घटनाक्रमों, प्रमुख नेताओं के योगदान और निर्णयों को चित्रों के माध्यम से सहेजा है। पार्टी की ओर से जारी नए मुख्यालय के वीडियो से पता चलता है कि कांग्रेस ने इस नए भवन में गांधी-नेहरू परिवार के साथ ही दूसरे नेताओं एवं उनके योगदान को पूरी तवज्जो देने का प्रयास किया है।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को 'इंदिरा भवन' का उद्घाटन किया। पिछले करीब पांच दशक से पार्टी का मुख्यालय '24 अकबर रोड' था। अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय '9ए कोटला मार्ग' पर बनाया गया है। इस भवन में एक भव्य पुस्तकालय (लाइब्रेरी) बनाया गया है जिसका नामकरण 'डॉक्टर मनमोहन सिंह पुस्तकालय' किया गया है। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए यह फैसला किया है। सिंह का बीते 26 दिसंबर को निधन हो गया था।
मुख्य विपक्षी दल के मुख्यालय में दाखिल होते ही कांग्रेस के पहले अध्यक्ष ब्योमेश चंद्र बनर्जी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीरें लगाई गई हैं। इस पांच मंजिला भवन में कुल 246 दुर्लभ चित्र हैं जिनमें महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, खान अब्दुल गफ्फार खां और स्वतंत्रता आंदोलन के कई नेताओं के चित्र शामिल हैं। इनमें उनके कथनों तथा योगदान का भी उल्लेख है।
इस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और उनके नारे 'जय जवान, जय किसान' को चित्रित किया है तो पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के उदारीकरण से जुड़े योगदान को दर्शाया गया है। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते भारत की उपलब्धियों और राजीव गांधी के समय की सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति और शांति समझौतों का भी उल्लेख है।
पहले ही दिन हुआ विवाद
बता दें कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस का मुख्यालय करीब पांच दशक बाद बुधवार को '24 अकबर रोड' से '9ए कोटला मार्ग' पर नवनिर्मित 'इंदिरा भवन' में स्थानांतरित हो गया। पहले ही दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान से विवाद खड़ा हो गया कि उनकी लड़ाई सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नहीं, बल्कि 'इंडियन स्टेट' (भारतीय राज व्यवस्था) से भी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को लेकर उन पर 'राजद्रोह' का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वर्ष 1978 से पार्टी का मुख्यालय '24 अकबर रोड' था। अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय '9ए कोटला मार्ग' पर बनाया गया है।
मोहन भागवत पर भी राहुल ने साधा निशाना
मुख्यालय के उद्घाटन के बाद खरगे और राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित किया और देश में विचारधारा की लड़ाई को लेकर जोश भरा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली। राहुल ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते। भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी।