घर पर लटका मिला था दोनों बेटियों का शव, पीड़िता के माता-पिता पर ही रेप के लिए उकसाने का आरोप
- 7 जनवरी 2017 की बात है जब 13 साल की लड़की का शव अट्टापल्लम स्थित अपने घर में लटका मिला। इसके बाद, 4 मार्च 2017 को उसकी 9 वर्षीय बहन भी उसी घर में लटकी हुई पाई गई थी।
केरल के वालयार मामले में सीबीआई ने माता-पिता के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इसमें उन पर बलात्कार के लिए उकसाने का आरोप लगा है। चार्जशीट एर्नाकुलम स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश की गई। इसमें पेरेंट्स के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों पर रेप के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगा है, जो आईपीसी की धारा 109 के तहत आता है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इन अपराधों से जुड़े 6 अलग-अलग मामलों को शामिल करते हुए आरोपपत्र पेश किया है।
साल 2017 में वालयार में दो नाबालिग बहनें अपने घर पर मृत पाई गई थीं। आरोप लगा कि इनके साथ बलात्कार हुआ था। पिछले साल हाई कोर्ट ने इस केस को पलक्कड़ POCSO कोर्ट से एर्नाकुलम की सीबीआई अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। सीबीआई की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में यह आदेश पारित जारी हुआ, जिसमें पलक्कड़ में POCSO मामलों के लिए विशेष अदालत से एर्नाकुलम सीबीआई कोर्ट में मुकदमे को भेजने की मांग की गई थी।
घर पर लटका मिला था बहनों का शव
7 जनवरी 2017 की बात है जब 13 साल की लड़की का शव अट्टापल्लम स्थित अपने घर में लटका मिला। इसके बाद, 4 मार्च 2017 को उसकी 9 वर्षीय बहन भी उसी घर में लटकी पाई गई थी। इसे लेकर पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। बहनों की मौत की जांच के लिए 6 मार्च, 2017 को पलक्कड़ एएसपी के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया। 12 मार्च 2017 को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई जिससे पता चला कि दोनों बहनों का रेप हुआ था। 22 जून 2019 को पुलिस ने जो आरोपपत्र पेश किया उसमें इन मौतों को आत्महत्या बताया गया। 9 अक्टूबर, 2019 को एक फैसले में चेरथला निवासी प्रदीप कुमार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। 25 अक्टूबर 2019 को अदालत ने अन्य आरोपियों शिबू, एम मधु और वी मधु को भी बरी कर दिया था।