ट्रूडो ने भारत से खराब संबंध की चुकाई कीमत, निज्जर मर्डर के आरोपियों की जमानत पर बोले BJP नेता
- हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के आरोपियों की जमानत पर बीजेपी नेता ने जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा। उन्होंने भारत से संबंध खराब करने की कीमत चुकाई। वे कट्टरपंथियों के समर्थक रहे, इसलिए कनाडा के लोग उनका समर्थन नहीं करते।
कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार चार व्यक्तियों को गुरुवार को एक कनाडाई अदालत ने जमानत दे दी। यह घटनाक्रम जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने नेतृत्व को लेकर असंतोष के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद हुआ है। निज्जर हत्याकांड के आरोपियों की जमानत पर पंजाब में भाजपा उपाध्यक्ष फतेहजंग सिंह बाजवा का रिएक्शन आया है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए ट्रूडो की तीखी आलोचना की। आरोप लगाया कि ट्रूडो ने भारत से खराब संबंधों की कीमत चुकाई है। वे कट्टरपंथियों के समर्थक रहे, इसलिए कनाडा के लोग उनका समर्थन नहीं करते।
दरअसल, 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख मंदिर की पार्किंग में हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को लेकर जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया। हुआ यूं कि विवाद बढ़ने पर पिछले साल अक्टूबर महीने में भारत ने कनाडा से राजनियक संबंध समाप्त किए और भारतीय राजदूतों को कनाडा से वापस बुला लिया और कनाडा के राजदूतों को भारत से निकलने के आदेश दे दिए।
निज्जर हत्याकांड में कनाडाई पुलिस ने पिछले साल मई में पहले तीन व्यक्तियों करणप्रीत सिंह (28), कमलप्रीत सिंह (22) और करण बराड़ (22) को गिरफ्तार किया। फिर कुछ दिनों बाद अमनदीप सिंह (22) के रूप में चौथी गिरफ्तारी की। कनाडा के न्याय विभाग ने गुरुवार को चारों को जमानत दे दी है।
ट्रूडो ने खराब संबंधों की चुकाई कीमत
अब इस पूरे घटनाक्रम पर पंजाब भाजपा उपाध्यक्ष फतेहजंग सिंह बाजवा की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने खुद से बनाए एक वीडियो में कहा, "आज कनाडा की एक अदालत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में सभी आरोपियों को जमानत दे दी है। जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है...सरकार ने कहा कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो वह पेश करें...इसलिए, मुझे लगता है कि जस्टिन ट्रूडो ने अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खराब करके बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। जस्टिन ट्रूडो कट्टरपंथियों के समर्थन में खड़े होते थे, आज कनाडा के लोग भी उनके समर्थन में नहीं खड़े हैं।"