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क्या है स्पैडेक्स मिशन? जिससे 2024 को शानदार विदाई देने जा रहा इसरो, रच देगा इतिहास

  • ISRO SPADEX Mission: इसरो साल 2024 को स्पेशल और शानदार विदाई देने जा रहा है। स्पैडेक्स मिशन की सफलता भारत को दुनिया के चार दिग्गज देशों के साथ खड़ा कर देगी।

Gaurav Kala चेन्नई, वार्ताMon, 23 Dec 2024 08:59 PM
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ISRO Spadex Mission: चंद्रयान-3 की अपार सफलता और गगनयान मिशन से चर्चाओं में आए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2024 साल को शानदार विदाई देने की पूरी तैयारी कर ली है। आगामी 30 दिसंबर को इसरो श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से स्पैडेक्स मिशन को लॉन्च करेगा। मिशन में पहली बार अंतरिक्ष में दो उपग्रहों की डॉकिंग और अन डॉकिंग करना शामिल है। इस मिशन में पीएसएलवी सी60/स्पैडेक्स मिशन को साथ में लॉन्च किया जाएगा। मिशन की कामयाबी भारत को दुनिया के चार दिग्गज देशों के साथ खड़ा कर देगी।

इसरो के अधिकारियों ने सोमवार को पुष्टि की कि पीएसएलवी-सी60/स्पैडेक्स मिशन अगले सोमवार को 21:58 बजे एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपण प्रथम लॉन्च पैड से होगा और इस पथप्रदर्शक मिशन की सफलता भारत को जटिल अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगी।

अंतरिक्ष जगत में क्रांति लाएगा स्पैडेक्स मिशन

यह एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व मिशन होगा, क्योंकि इसरो पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंट मॉड्यूल-4 (पीओईएम-4) के साथ अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 24 वैज्ञानिक प्रयोगों को तैनात करके इतिहास रचेगा, साथ ही इसमें अंतरिक्ष डॉकिंग डेमोस्ट्रेशन स्पैडेक्स मिशन भी होगा। इसरो ने पीएसएलवी-सी60/स्पैडेक्स मिशन अपडेट में कहा कि पीएस4-ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंट मॉड्यूल (पीओईएम) अंतरिक्ष तकनीक में क्रांति लाएगा।''

चंद्रयान-4 और स्पेस स्टेशन की तरफ बढ़ते कदम

इसरो ने कहा ''24 अत्याधुनिक आर एंड डी पेलोड (14 इसरो से, 10 स्टार्टअप से) के साथ यह जैविक प्रयोगों, रोबोटिक्स, शार इमेजिंग, एआई प्रयोगशालाओं और बहुत कुछ में सीमाओं को आगे बढ़ाता है।'' स्पैडेक्स मिशन की सफलता भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल कर देगी। यह चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे इसरो के आगामी मिशनों के लिए एक बड़ी प्रेरणा देगी।

स्पैडेक्स मिशन

स्पैडेक्स अंतरिक्ष यान को यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) द्वारा अन्य इसरो केंद्रों (वीएसएससी, एलपीएससी, एसएसी, आईआईएसयू और एलआईओएस) के समर्थन से डिजाइन और निर्मित किया गया है। सभी परीक्षण और मंजूरी पूरी करने के बाद अंतरिक्ष यान को पहले ही यूआरएससी से एसडीएससी में ले जाया जा चुका है, जहां यह प्रक्षेपण से पहले तैयारियों और अनिवार्य परीक्षणों से गुजर रहा है। स्पैडेक्स मिशन में दो छोटे अंतरिक्षयानों (एसडीएक्स01 तथा एसडीएक्स02) के डॉकिंग तथा अनडॉकिंग का प्रदर्शन किया जाएगा।

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