इसरो ने कर दिया एक और कारनामा, 10 टन का प्रोपेलेंट मिक्सर तैयार; जानें खासियत
- इसरो ने बयान जारी करके कहा, 'ठोस प्रोपेलेंट भारतीय अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों में अहम भूमिका निभाता है और वर्टिकल मिक्सर ठोस मोटर उत्पादन में महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है।'
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और कामयाबी अपने नाम दर्ज कर ली है। इसने ठोस मोटरों के लिए 10 टन का प्रोपेलेंट मिक्सर तैयार कर लिया है। इसरो ने एक बयान में कहा, 'ठोस प्रणोदन भारतीय अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों में अहम भूमिका निभाता है और वर्टिकल मिक्सर ठोस मोटर उत्पादन में महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है।' बयान में कहा गया कि ठोस प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर्स की रीढ़ हैं। उनके उत्पादन के लिए अत्यधिक संवेदनशील और खतरनाक अवयवों के सटीक मिश्रण की आवश्यकता होती है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ठोस मोटर खंडों के उत्पादन के स्तर को बढ़ाने की दिशा में कामयाबी मिली है। श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र ने केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (CMTI) बेंगलुरु के सहयोग से ठोस प्रोपेलेंट्स के वैरिएंट्स के लिए 10 टन के वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर को डिजाइन और विकसित किया है। इसरो ने इसे एक अहम तकनीकी चमत्कार बताया है। उसने कहा कि 10 टन का वर्टिकल मिक्सर दुनिया का सबसे बड़ा ठोस प्रेपोलेंट मिश्रण उपकरण है।
वर्टिकल मिक्सर का वजन करीब 150 टन
इसरो ने कहा कि इस वर्टिकल मिक्सर का वजन लगभग 150 टन है। इसकी लंबाई 5.4 मीटर, चौड़ाई 3.3 मीटर और ऊंचाई 8.7 मीटर है। वहीं, आईआईटी मद्रास और इसरो ने अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए एक स्वदेशी माइक्रो प्रोसेसर विकसित किया है। इसका उपयोग बाहरी अंतरिक्ष में कमान व नियंत्रण प्रणाली और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में किया जा सकता है। संबंधित परियोजना को शक्ति नाम दिया गया है जिसका नेतृत्व IIT मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने किया है। ‘शक्ति’ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इसकी डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी पहल के तहत समर्थन प्राप्त है।